Kanya Pujan Vidhi: कन्या पूजन कब और कैसे करें?, जानें सही नियम

Kanya Pujan Vidhi: नवरात्रि के पावन अवसर पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि 2 से 10 वर्ष की कन्याओं में देवी दुर्गा का स्वरूप विद्यमान होता है। इसी श्रद्धा से नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि को श्रद्धालु कन्या पूजन करते हैं, जिसे कंजक पूजन भी कहा जाता है। यहां जानें इस साल कब है कन्या पूजन का समय और कैसे करें पूजा?
कन्या पूजन 2025 कब करें?
इस साल शारदीय नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन अष्टमी (अष्टमी तिथि) या नवमी (नवमी तिथि) को किया जा सकता है। इस दिन को श्रद्धा और परिवार की सुविधा के अनुसार चुन सकते हैं। पूजा का कोई विशेष मुहूर्त निर्धारित नहीं होता माता रानी की पूजा और हवन के पश्चात कन्या भोज कराया जा सकता है।
कन्या पूजन की सम्पूर्ण विधि
- सबसे पहले घर को स्वच्छ करके पूजन स्थल को पवित्र करें।
- 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को आमंत्रित करें और उनके लिए साफ आसन लगाएं।
- पूजा की शुरुआत माता दुर्गा की विधिपूर्वक आराधना और हवन से करें।
- कन्याएं आने पर उनके पैर साफ जल से धोएं और पोछें।
- उन्हें आसन पर बैठाकर तिलक, अक्षत और फूलों से पूजन करें।
- हाथ में कलावा बांधें और आरती उतारें।
- पारंपरिक भोजन हलवा, पूरी और काले चने का भोग लगाएं।
- भोजन के बाद कन्याओं को वस्त्र, चुनरी, फल या अन्य उपहार दें।
- अंत में कन्याओं का आशीर्वाद लेकर माता के जयकारे लगाएं।
कन्या पूजन में आवश्यक सामग्री
- स्वच्छ जल (पैर धोने के लिए)
- आसन
- कुमकुम / रोली
- अक्षत
- कलावा
- फूल
- चुनरी
- फल
- हलवा, पूरी, चना (भोजन हेतु)
- उपहार (जैसे पेन, किताब, कपड़े आदि)
कन्या पूजन का महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर पूजने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। यह पूजन नवरात्रि व्रत का पूर्ण फल देने वाला माना गया है। विशेष बात यह भी है कि पूजा में एक छोटे बालक (बटुक) को भी शामिल करना चाहिए, जिसे भैरव का स्वरूप माना जाता है।
कन्या पूजन किन कन्याओं का करना चाहिए?
- कन्या पूजन में 2 से 10 वर्ष की कन्याओं का पूजन करना शुभ होता है।
- इनके माध्यम से देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है।
- 1 बालक को भी अवश्य शामिल करें जिसे "बटुक भैरव" के रूप में पूजा जाता है।
नवरात्रि में कन्या पूजन एक अत्यंत पवित्र और फलदायी अनुष्ठान है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि बच्चियों को सम्मान देने का एक सुंदर अवसर भी है। 2025 में भी, श्रद्धा और भक्ति भाव से किया गया कन्या पूजन जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और देवी कृपा लाने वाला होगा।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
