Kalava Vastu Upay: घर पर खुशहाली के लिए कहां बांधें कलावा?, जानें सही नियम

Kalava Vastu Upay: हर व्यक्ति अपने घर में सुख, शांति और सकारात्मकता बनाए रखना चाहता है। इसके लिए लोग पूजा-पाठ से लेकर विभिन्न वास्तु उपाय अपनाते हैं। इन्हीं उपायों में शामिल है कलावा, जिसे हिंदू परंपरा में बेहद शुभ और ऊर्जावान माना गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, घर के कुछ खास स्थानों पर कलावा बांधने से वातावरण में सकारात्मक परिवर्तन आता है और कई परेशानियों से भी राहत मिलती है।
कलावा क्यों माना जाता है मंगलसूचक?
कलावा, जिसे मौली या राखी भी कहा जाता है, भारतीय परंपरा में सुरक्षा और शुभ शुरुआत का प्रतीक है। किसी भी शुभ कार्य, पूजा या अनुष्ठान की शुरुआत कलावा बांधकर की जाती है। माना जाता है कि यह व्यक्ति और घर दोनों के लिए सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है।
मुख्य द्वार पर कलावा बांधने का महत्व
वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्य दरवाजे की चौखट या ऊपर वाले हिस्से पर कलावा बांधने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता है। यह घर में सकारात्मकता के प्रवेश को बढ़ाता है और परिवार की सुरक्षा को मजबूत करता है।
तिजोरी व धन स्थान पर कलावा अवश्य बांधें
जिस स्थान पर धन रखा जाता है, जैसे तिजोरी, लॉकर या कैश बॉक्स, उसे देवी लक्ष्मी का स्थल माना जाता है। यहां कलावा बांधने से आर्थिक स्थिरता आती है, बरकत बनी रहती है और धन हानि के योग कम होते हैं। बहुत से परिवार इसे नियमित रूप से अपनी तिजोरी में बांधते हैं ताकि आर्थिक ऊर्जा संतुलित रहे।
पूजा के कलश या जल स्थान पर कलावा
पूजा स्थान पर रखा कलश पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक है। इसके मुख पर कलावा बांधने से घर में शांति, मानसिक स्थिरता और सकारात्मक कंपन बढ़ते हैं। यह उपाय घर के धार्मिक माहौल को भी मजबूत बनाता है।
कलावा बांधते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- कलावा हमेशा शुभ दिन पर ही बांधना उचित माना जाता है।
- पुराना या क्षतिग्रस्त कलावा उतारकर जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।
- चाहें तो हर शुक्रवार कलावा बदल सकते हैं, इससे घर की ऊर्जा संतुलित बनी रहती है।
- कलावा बांधते समय मन में सकारात्मक संकल्प रखना भी शुभ फल देता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
