हरियाली तीज 2025: शिव-पार्वती की पूजा से बढ़ेगा वैवाहिक सुख और सौभाग्य, जानें पूजा विधि

Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज का त्योहार पति और सौभाग्य पाने के लिए किया जाता है। हर साल यह त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 26 जुलाई 2025 को रखा जाएगा। मान्यता है कि हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है, इसलिए इस दिन उनकी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यहां जानें तीज व्रत के लिए पूजा विधि और महत्व।
हरियाली तीज का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने इस दिन भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर व्रत किया था। इसलिए, आज भी कुंवारी कन्याएं सोलह श्रृंगार के साथ शिव-पार्वती की पूजा करती हैं ताकि उन्हें उत्तम वर मिले। वहीं, विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में मधुरता के लिए यह व्रत रखती हैं।
हरियाली तीज पर शिव-पार्वती की पूजा विधि
मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें
पूजा के लिए मिट्टी की शिव-पार्वती की मूर्ति लेकर पूर्व दिशा में एक चौकी पर स्थापित करें। गंगाजल से मूर्ति को शुद्ध करें और उसके सामने जल से भरा कलश रखें। दीपक जलाकर बेलपत्र, दूर्वा और चावल अर्पित करें।
सोलह श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं
माता पार्वती को चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी समेत सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। इसके साथ ही नारियल, फल, मिठाई और पंचामृत का भोग भी चढ़ाएं।
पूजा की थाली सजाएं
पूजा की थाली को सजाकर उसमें गाय के घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। इस दिन तीज की कथा सुनें और शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र, शिव पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करें।
तीज की रात जागरण
महिलाएं भजन-कीर्तन और जागरण करके इस पावन अवसर को उल्लास के साथ मनाती हैं।
आशीर्वाद और शुभकामनाएं
हरियाली तीज का व्रत रखने से न केवल वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौभाग्य बढ़ता है, बल्कि मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। यह त्योहार जीवन में हरियाली और समृद्धि का संदेश लेकर आता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
