हरियाली अमावस्या 2025: करें इन चीजों का दान, खुल जाएंगे किस्मत के द्वार!

Hariyali Amavasya 2025: सावन मास की अमावस्या, जिसे हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है, इस बार गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। यह दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन पितृ तर्पण, दान, दीपदान, और शिव पूजन का विशेष महत्व होता है। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम से हरियाली अमावस्या से जुड़ी सभी जानकारी।
हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व
शिवपुराण के अनुसार, सावन मास की अमावस्या तिथि पर भगवान शिव का पूजन करने से जीवन में सुख-शांति आती है और पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है। यह दिन पितरों को प्रसन्न करने, शिव की कृपा पाने और पर्यावरण की सेवा का विशेष अवसर है। इस दिन बेलपत्र, जल, फल, और पंचामृत से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभफलदायी होता है।
हरियाली अमावस्या पर कहां जलाएं दीपक?
हरियाली अमावस्या पर पितृ शांति और पुण्य लाभ के लिए दीपदान का बड़ा महत्व है:
तालाब या पवित्र नदी किनारे: पितरों के नाम से वहां दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है।
पीपल के वृक्ष के नीचे: शाम के समय दीपक जलाएं। मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास पीपल में होता है। इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
हरियाली अमावस्या पर क्या करें दान?
दान करने से न केवल पितर प्रसन्न होते हैं बल्कि जीवन की बाधाएं भी दूर होती हैं। इस दिन निम्न वस्तुओं का दान विशेष रूप से शुभ होता है:
जौ, तिल और अन्न: पितृ तर्पण के बाद करें, पितृ दोष से मुक्ति के लिए।
काले तिल और उड़द की दाल: ग्रह दोष, विशेषकर शनि और राहु दोष निवारण हेतु।
फल और छाता: जरूरतमंदों को देने से आयु और पुण्य में वृद्धि होती है।
गाय को हरा चारा या भोजन देना: अक्षय फलदायी।
पीले वस्त्र और दक्षिणा: ब्राह्मण या वृद्ध महिला को दें, पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
हरियाली अमावस्या और पौधारोपण
हरियाली अमावस्या का नाम ही इसके पर्यावरणीय संदेश को स्पष्ट करता है। इस दिन वृक्षारोपण करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है:
आम, आंवला, बड़ और पीपल जैसे वृक्ष लगाएं।
ये वृक्ष न केवल पर्यावरण को शुद्ध करते हैं बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी फलदायी हैं।
यह कार्य परिवार की उन्नति और स्वास्थ्य लाभ में सहायक होता है।
अमावस्या तिथि व मुहूर्त (24 जुलाई 2025)
अमावस्या प्रारंभ: 24 जुलाई, प्रात: 2:29 बजे
अमावस्या समाप्त: 25 जुलाई, रात्रि 12:41 बजे
उदयातिथि अनुसार हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को मनाई जाएगी।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अनिल कुमार
