Sawan Amavasya: सावन हरियाली अमावस्या कल, जानें सही पूजा विधि और महत्व

Hariyali Amavasya 2025
X
हरियाली अमावस्या 24 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। जानें इसका धार्मिक महत्व, पूजा विधि, पितृ तर्पण और दान की परंपरा।

Sawan Amavasya: सावन माह में आने वाली हरियाली अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखती है। यह दिन न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, बल्कि पितृ तर्पण, श्राद्ध और विशेष दान के लिए भी अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। 24 जुलाई 2025, बुधवार को हरियाली अमावस्या मनाई जा रही है। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम महाराज से अमावस्या का महत्व और पूजा विधि के बारे में सही जानकारी।

हरियाली अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि प्रारंभ: 24 जुलाई, सुबह 02:29 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त: 25 जुलाई, रात 12:41 बजे

उदयातिथि अनुसार: हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को मनाई जाएगी

दक्षिण भारत, विशेषकर कर्नाटक में इसे भीमना अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

पूजा विधि

प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

घर के पूजा स्थल को स्वच्छ कर एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।

शिवलिंग या भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।

गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और पंचामृत से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें।

बेलपत्र, धतूरा, भांग, इत्र, चंदन और फूल अर्पित करें।

"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप कर शिव चालीसा का पाठ करें।

पूर्वजों के लिए तिल और जल से तर्पण करें।

जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, व धन का दान करें।

धार्मिक महत्व

पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

यह दिन पितृ दोष, कालसर्प दोष और शनि दोष से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है।

पौधारोपण का विशेष महत्व है। यह पर्यावरण की सेवा के साथ पुण्य अर्जन का माध्यम भी बनता है।

मान्यता है कि इस दिन पूजा, जप और दान करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story