Ganesh Chaturthi 2025: कब है गणेश चतुर्थी? नोट करें सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Ganesh Chaturthi 2025
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Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा। जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और गणपति मंत्र।

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का पर्व देशभर में हर्षोल्लास के साथ 27 अगस्त 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। यह पर्व विशेषकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर भारत के कई हिस्सों में गणेश चतुर्थी को बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है और उन्हें विधिवत पूजा कर घरों, पंडालों और मंदिरों में स्थापित किया जाता है। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से गणेश चतुर्थी की सही डेट, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

गणेश चतुर्थी 2025 की तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। यह तिथि इस बार 26 अगस्त 2025 को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर आरंभ होगी, जिसका समय 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि (जिस दिन सूर्योदय होता है) को मान्यता दी जाती है, इसलिए गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी।

पूजन का शुभ मुहूर्त

गणेश जी की स्थापना और पूजन के लिए 27 अगस्त को प्रातः 11:23 से दोपहर 01:54 बजे तक का समय विशेष रूप से शुभ माना गया है। इसी अवधि में भगवान गणेश की मूर्ति को घर या पंडाल में स्थापित कर विधिवत पूजा आरंभ की जा सकती है।

गणेश चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता यानी सभी बाधाओं को दूर करने वाला देवता माना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन घर में गणपति की स्थापना करने से सुख-समृद्धि, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यह पर्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है।

भगवान गणेश के मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्।

विघ्ननाशं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥

ॐ ग्लौम गौरी पुत्र वक्रतुंड गणपति गुरुगणेश।

ग्लौम गणपति ऋद्धिपति, मेरे दूर करो क्लेश॥

कैसे मनाएं गणेश चतुर्थी

घर को स्वच्छ करके रंगोली और दीपों से सजाएं

गणेश जी की मिट्टी या धातु की मूर्ति को स्थापित करें

पंचामृत और मोदक का भोग अर्पित करें

10 दिनों तक सुबह-शाम आरती करें

अंतिम दिन गणपति विसर्जन के साथ विसर्जन मंत्रों का उच्चारण करें

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार

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