Chhath Puja During Pregnancy: गर्भावस्था में छठ पूजा का व्रत रखना सुरक्षित है या नहीं? जानें जरूरी नियम

Chhath Puja 2025
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Chhath Puja During Pregnancy: छठ पूजा के दौरान निर्जला व्रत गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं होता। जानिए प्रेगनेंसी में छठ पूजा करने के नियम, आहार और जरूरी सावधानियां।

Chhath Puja During Pregnancy: छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का महान पर्व है, जो साल में दो बार मनाया जाता है। इनमें कार्तिक माह का छठ पर्व सबसे प्रमुख माना जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में श्रद्धालु निर्जला उपवास रखकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। हालांकि, गर्भवती महिलाओं के लिए छठ पूजा का व्रत रखना एक चुनौतीपूर्ण निर्णय हो सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि गर्भावस्था में छठ पूजा के दौरान कौन-सी बातें ध्यान में रखनी चाहिए।

क्या गर्भावस्था में छठ व्रत रखना सुरक्षित है?

चिकित्सकों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं के लिए निर्जला उपवास रखना सुरक्षित नहीं माना जाता। इस दौरान शरीर को पर्याप्त पानी, पोषण और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। निर्जला व्रत से डिहाइड्रेशन, लो ब्लड प्रेशर, थकान या बेहोशी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं, जो मां और शिशु दोनों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं।

आस्था के साथ पूजा कैसे करें?

अगर आप गर्भवती हैं और श्रद्धा से छठ पूजा करना चाहती हैं, तो पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। पूर्ण निर्जला व्रत की जगह फलाहार व्रत अपनाना बेहतर विकल्प है। इस दौरान आप हल्का और पौष्टिक भोजन जैसे नारियल पानी, दूध, फल, साबूदाना या हल्का फलाहार ले सकती हैं। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और पूजा की भावना भी बनी रहती है।

पूजा के समय बरतें ये सावधानियां

  • लंबे समय तक पानी में खड़े रहने से बचें।
  • अर्घ्य देते समय केवल कुछ मिनटों तक ही जल में रहें।
  • थकान महसूस होने पर तुरंत आराम करें।
  • परिवार के सदस्य प्रसाद और पूजा की तैयारियों में सहयोग करें।
  • यदि कमजोरी लगे तो छठी मइया के भजन सुनकर मानसिक रूप से पूजा में शामिल हों।

छठ पूजा आस्था और भक्ति का पर्व है, लेकिन गर्भावस्था में स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना सबसे आवश्यक है। डॉक्टर की सलाह लेकर फलाहार व्रत करना या मानसिक रूप से पूजा में सम्मिलित होना सबसे उचित तरीका है। इससे आस्था भी बनी रहती है और मां-बच्चे की सेहत भी सुरक्षित रहती है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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