Chandra Grahan 2025: चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं?, जानें सही नियम

Chandra Grahan 2025: चंद्रग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जो न केवल विज्ञान बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। साल 2025 का अंतिम चंद्रग्रहण आज यानी 7 सितंबर को लग रहा है, जो भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि के दिन पड़ा है। यह ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होकर मध्यरात्रि 1:26 बजे तक रहेगा।
चंद्रग्रहण के दौरान कई धार्मिक और ज्योतिषीय नियमों का पालन करना आवश्यक होता है ताकि ग्रहण के संभावित नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके। आइए जानते हैं इस किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
चंद्रग्रहण के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
- ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय होती है। इसलिए इस दिन देवी-देवताओं की मूर्तियों को छूना या पूजा स्थल को बिना किसी सुरक्षा के खुला छोड़ना शुभ नहीं माना जाता। पूजा स्थल को लाल या पीले रंग के कपड़े से ढक कर रखना चाहिए।
- तुलसी, पीपल, और बरगद जैसे पौधों को छूने से बचना चाहिए क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इससे दोष लग सकता है।
- ग्रहण वाले दिन नकारात्मक विचारों वाले लोगों से मिलना, नकारात्मक स्थानों पर जाना या नकारात्मक वार्तालाप में शामिल होना ठीक नहीं होता।
- इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।
- ज्यादा बातचीत, विवाद या बहस से भी दूर रहना चाहिए क्योंकि यह पारिवारिक सुख-शांति को प्रभावित कर सकता है।
- नुकीली वस्तुओं जैसे चाकू, सुई, कैंची आदि का उपयोग ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए।
- नाखून काटना, बाल कटवाना इस दिन शुभ नहीं माना जाता।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर निकलने से बचना चाहिए और नुकीली वस्तुओं से भी दूर रहना चाहिए।
चंद्रग्रहण के दिन क्या करना चाहिए?
- दान करना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन सफेद वस्त्र, चावल, दूध, घी, और चांदी का दान करने से चंद्रदोष दूर होता है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
- मंत्रों का जाप करना लाभकारी रहता है। विशेष रूप से महामृत्युंजय मंत्र और चंद्रमा के मंत्र जैसे “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः” का जप अत्यंत फलदायक होता है।
- पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण, हवन और जाप करना शुभ माना जाता है।
- धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन ग्रहण के दौरान शुभ माना जाता है क्योंकि यह मन को शांति और ज्ञान प्रदान करता है।
- ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करना चाहिए ताकि ग्रहण के दौरान आई नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सके।
- स्नान के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव कर शुभता बढ़ाई जा सकती है।
चंद्रग्रहण के दौरान इन नियमों और सावधानियों का पालन करना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। इससे न केवल धार्मिक आस्था को सम्मान मिलता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। ग्रहण के दौरान सावधानियां अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य और परिवार की खुशहाली सुनिश्चित कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अनिल कुमार
