Sawan 2025: सावन में पढ़ें भगवान शिव के विशेष मंत्र और स्तुति, मिलेगा मनचाहा लाभ

सावन शिवरात्रि पूजा विधि
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Sawan 2025: पढ़िए भगवान शिव के विशेष मंत्र और स्तुति। जानें सावन में मंत्रों का महत्व।

Sawan 2025: सावन के महीने की शुरुआत हो गई है। देशभर में शिवभक्तों के बीच विशेष श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखा जा रहा है। यह महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे में भोलेनाथ के मंत्रों और स्तुति का जप न केवल मन को शांति देता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति की राह भी खोलता है। यहां पढ़ें भगवान शिव के विशेष मंत्र और स्तुति।

भगवान शिव के प्रमुख मंत्र

ॐ नमः शिवाय – यह पंचाक्षरी मंत्र शिवभक्ति का मूल है, जो आत्मा की शुद्धि करता है।

ॐ त्र्यंबकं यजामहे... – महामृत्युंजय मंत्र, जो मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाता है।

ॐ हौं जूं स:, ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊं – ये बीज मंत्र साधक की आंतरिक ऊर्जा को जाग्रत करते हैं।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे... – शिव गायत्री मंत्र, जो शिवतत्त्व की प्राप्ति में सहायक है।

ऐं ह्रीं श्रीं 'ॐ नमः शिवाय' : श्रीं ह्रीं ऐं – यह मंत्र शिव और शक्ति दोनों की उपासना में प्रयुक्त होता है।

श्री शिव स्तुति

भगवान शिव की स्तुति करने से उनके गुणों और रूपों की महिमा का ध्यान होता है। नीचे दी गई श्री शिव स्तुति में शिवजी के पंचवक्त्र रूप, गंगाधर स्वरूप, त्रिनेत्रधारी, करुणामय एवं विश्वरूप स्वभाव का वर्णन किया गया है।

"पशूनां पतिं पापनाशं परेशं..."

इस श्लोक में शिवजी को पापों के नाशक, श्रेष्ठतम, और गजेन्द्र मस्तक धारण करने वाले के रूप में स्मरण किया गया है।

"शिवाकान्त शंभो शशाङ्कार्धमौले..."

इसमें शिव के करुणामय, शूलधारी और सम्पूर्ण ब्रह्मांड को व्यापने वाले स्वरूप का ध्यान किया गया है।

शिव स्तुति के श्लोक केवल स्तुति नहीं, बल्कि साधना का माध्यम हैं जो साधक को मोक्ष, भक्ति और शक्ति की ओर अग्रसर करते हैं।

धार्मिक लाभ और महत्व

शिव मंत्रों का नियमित जप मानसिक तनाव को कम करता है।

महामृत्युंजय मंत्र रोग, भय और आकस्मिक मृत्यु से रक्षा करता है।

शिव स्तुति आत्मिक जागरण और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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