Amavasya 2025: अमावस्या पर इन 5 स्थानों पर जलाएं दीपक, बदल जाएगी किस्मत!

Amavasya 2025: 25 जून 2025, बुधवार को आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि है, जो दान, स्नान, तर्पण और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। चूंकि इस दिन चंद्र दर्शन नहीं होते, इसलिए कई धार्मिक मान्यताओं में दीपक जलाने का विशेष महत्व बताया गया है। अमावस्या की रात्रि में सही स्थान पर दीप प्रज्ज्वलन करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
यहां जानिए ऐसे 5 पवित्र स्थान, जहां दीपक जलाना इस आषाढ़ अमावस्या पर अत्यंत फलदायी रहेगा।
1. मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या की शाम को घर के मुख्यद्वार पर घी का दीपक जलाना देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करने जैसा होता है। कहा जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी रात्रि में पृथ्वी पर विचरण करती हैं और जिनके घरों में दीप जलता है, वहां स्थायी बरकत का वास होता है।
सुझाव: दीपक सूर्यास्त के बाद, दरवाजे की दाईं ओर रखें।
2. दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक रखें
पितरों की दिशा दक्षिण मानी जाती है। आषाढ़ अमावस्या पर यहां चौमुखी दीपक (चार दिशाओं वाला) जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृदोष से मुक्ति का मार्ग खुलता है। वैकल्पिक रूप से, आप दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक भी जला सकते हैं।
3. देवी-देवताओं और पितरों की तस्वीरों के सामने दीप प्रज्ज्वलित करें
इस दिन अपने घर के पूजा स्थान में देवी-देवताओं और पूर्वजों की तस्वीरों के समक्ष दीप और धूप लगाना अत्यंत शुभ होता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में मानसिक शांति का वातावरण बनता है।
ध्यान रखें: दीपक की लौ पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।
4. पीपल के वृक्ष के नीचे दीप जलाएं
हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को दिव्य और पितृधाम माना गया है। अमावस्या के दिन पीपल के नीचे दीपक जलाने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है।
संकेत: इसे सूर्यास्त के बाद करें और जल चढ़ाना न भूलें।
5. तुलसी के पौधे के पास दीपक लगाएं
तुलसी माता को विष्णु प्रिय माना गया है। अमावस्या की रात तुलसी के पौधे के पास दीप जलाना देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की कृपा को आकर्षित करता है। इससे घर में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है।
टिप: तुलसी पर जल चढ़ाने के बाद ही दीप जलाएं।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
