Rakshabandhan Muhurt: रक्षाबंधन पर नहीं भद्रा का असर, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, योग और पूजा विधि

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Rakhi Bandhne ka Sahi Samay : रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है। शनिवार को देशभर में इसे लेकर उत्सव का महौल है। इस मौके पर बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती हैं, जबकि भाई उन्हें सुरक्षा का वचन देते हैं। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल का प्रभाव नहीं है। लिहाजा, पूरे दिन राखी बांध सकते हैं। आइए जानते हैं राखी बांधने का सभी समय, शुभ मुहूर्त और संयोग...।
रक्षाबंधन 2025 की तिथि और भद्रा काल
- सावन पूर्णिमा तिथि शुरू: 8 अगस्त 2025, दोपहर 2:12 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त 2025, दोपहर 1:24 बजे
- भद्रा काल: 8 अगस्त दोपहर 2:12 बजे से 9 अगस्त रात 1:52 बजे तक (राखी बांधने से पहले ही समाप्त)
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक (कुल 7 घंटे 37 मिनट)
राहुकाल: सुबह 9:07 बजे से 10:47 बजे तक (इस दौरान राखी बांधने से बचें)
रक्षाबंधन 2025 के शुभ योग
- सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:47 बजे से दोपहर 2:23 बजे तक
- सौभाग्य योग: 9 अगस्त सुबह से 10 अगस्त तड़के 2:15 बजे तक
- शोभन योग: 9 अगस्त सुबह से 10 अगस्त तड़के 2:15 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:17 बजे से 12:53 बजे तक
रक्षाबंधन मनाने की पूजा विधि
पवित्र स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर पूजा की थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, राखी, मिठाई और दीपक सजाएं। सबसे पहले भगवान की पूजा करें फिर भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर बैठाएं। भाई के माथे पर तिलक लगाकर चावल रखें और लंबी उम्र की कामना करें। राखी बांधें, आरती करें और मिठाई खिलाएं। राखी बांधने के बाद माता-पिता और बुजुर्गों का आशीर्वाद लें।
राखी की तीन शुभ गांठों का महत्व
- पहली गांठ: भाई की दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए
- दूसरी गांठ: जीवनभर भाई द्वारा सुरक्षा की प्रतीक
- तीसरी गांठ: रिश्ते में प्रेम और मिठास बनाए रखने के लिए
