Dhanteras 2025: धनतेरस पर जरूर गाएं भगवान कुबेर की ये आरती, मिलेगा असीम धन का आशीर्वाद; देखें Lyrics

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Kuber Ji Aarti: धनतेरस 2025 की पूजा में शामिल करें कुबरे जी की यह आरती औ सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें। यहां देखें कुबरे जी की आरती के लिरिक्स।

देशभर में आज यानी शनिवार (18 अक्टूबर 2025) को धनतरेस का त्योहार सेलिब्रेट किया जा रहा है। यह पर्व हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर धन के देवता कुबेर जी, धन की देवी मां लक्ष्मी और आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा विधानपूर्वक की जाती है। माना जाता है कि धनतेरस की पूजा गवान कुबेर जी की आरती के बिना अधूरी होती है। इनकी आरती को पूजा में शामिल करने से पूजा का महत्व बढ़ जाता है और इससे घर में आर्थिक उन्नति और शांति का आशीर्वाद मिलता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और पूरे साल धन-धान्य की कमी नहीं होती।

कुबेर जी की आरती (Kuber ji ki Aarti)

ओम जय यक्ष कुबेर हरे,

स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।

शरण पड़े भगतों के,

भण्डार कुबेर भरे।

॥ ओम जय यक्ष कुबेर हरे...॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,

स्वामी भक्त कुबेर बड़े।

दैत्य दानव मानव से,

कई-कई युद्ध लड़े ॥

॥ ओम जय यक्ष कुबेर हरे...॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे,

सिर पर छत्र फिरे,

स्वामी सिर पर छत्र फिरे।

योगिनी मंगल गावैं,

सब जय जय कार करैं॥

॥ ओम जय यक्ष कुबेर हरे...॥

गदा त्रिशूल हाथ में,

शस्त्र बहुत धरे,

स्वामी शस्त्र बहुत धरे।

दुख भय संकट मोचन,

धनुष टंकार करे॥

॥ ओम जय यक्ष कुबेर हरे...॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,

स्वामी व्यंजन बहुत बने।

मोहन भोग लगावैं,

साथ में उड़द चने॥

॥ ओम जय यक्ष कुबेर हरे...॥

बल बुद्धि विद्या दाता,

हम तेरी शरण पड़े,

स्वामी हम तेरी शरण पड़े,

अपने भक्त जनों के,

सारे काम संवारे॥

॥ ओम जय यक्ष कुबेर हरे...॥

मुकुट मणी की शोभा,

मोतियन हार गले,

स्वामी मोतियन हार गले।

अगर कपूर की बाती,

घी की जोत जले॥

॥ ओम जय यक्ष कुबेर हरे...॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,

जो कोई नर गावे,

स्वामी जो कोई नर गावे ।

कहत प्रेमपाल स्वामी,

मनवांछित फल पावे।

॥ इति श्री कुबेर आरती ॥

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