देश का एक ऐसा गांव, जहां रावण को जलाया नहीं पीटा जाता है

देश का एक ऐसा गांव, जहां रावण को जलाया नहीं पीटा जाता है
X
छत्तीसगढ़ के इस गांव में बरसों से एक अनोखी परंपरा चली आ रही है जहां बुराई को दबाने के लिए अनोखा तरीका अपनाते हैं।
जगदलपुर. राम नवमी के बाद विजयदशमी का अपना एक महत्व है। कहा जाता है इस दिन भगवान राम ने रावण को मारा था और बुराई की अच्छाई पर जीत हुई थी लेकिन अनेक मान्यताओं के बीच आज हम आपको बताने जा रहे है कि एक ऐसे गांव के बारें में जहां रावण को जलाया नहीं बल्कि पीट-पीट को खत्म कर दिया जाता है। जी हां... छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के फरसगावं जनपद के ग्राम भूमका के लोग रावण को जलाते नहीं है बल्कि मिट्टी से बने रावण के पुतले को पीट पीटकर नष्ट कर देते हैं।
बता दें कि इस गांव में ग्रामीणजन दशहरा के पहले पुतले के निर्माण में जुट जाते है और दशहरा तक रावण का पुतले को तैयार कर देते है। और इस रावण के पुतले को मिट्टी से निर्मित करने के बाद रावण के पुतले को रामलीला के अहम कलाकार और ग्रामीणजन उसे पीट पीटकर गिरा देते है। ऐसी मान्यता है कि इस तरह रावण की बुराई पूरे गांव से दूर चली जाती है। इस गांव में ऐसी परंपरा सालों से चली आ रही है। ऐसी परंपरा कब शुरू हुई इसके बार में ग्रामीण कुछ बता नही पा रहे है। इसके पीछे मान्यता भले ही कुछ भी हो, लेकिल रावण का अंहकार नष्ट करने की परंपरा इस गांव में सबसे अलग बताई जाती है।
फिलहाल, शायद इस गांव में अहंकार को खत्म करने के लिए ऐसी मान्यता होगी। परन्तु अब इसे देखकर आसपास के ग्रामीण भी रावण का प्रतिमा बनाकर उसे नष्ट करते है। ऐसा करने के बाद ही विजय का उत्सव मनाते है। समय के साथ इस परिपाटी को ग्रामीणों ने बदलाव करने की कोशिश तो की, लेकिन पीढ़ियों से चली आ रही ऐसी परंपरा आज भी विद्यमान है। अच्छाई की बुराई पर जीत है।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़ें, खबर से जुड़ी अन्य जानकारियां -

खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि, हमें फॉलो करें ट्विटर और पिंटरेस्‍ट पर-

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

  • 1
  • 2
  • 3
  • 4

  • Next Story