जनता को राजसुख नहीं दिला पाए राजबीर, पांच साल सरकार और विपक्ष के बीच फंसे रहे लोग

जनता को राजसुख नहीं दिला पाए राजबीर, पांच साल सरकार और विपक्ष के बीच फंसे रहे लोग
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विधायक राजबीर बराड़ा भी सक्रिय नहीं रहे, कभी भी क्षेत्र की मांगों को सरकार के सामने सही प्लेटफार्म पर नहीं उठाया।
मुलाना. इस क्षेत्र में हलके की फिजा इस बार बदली-बदली सी है। कभी कांग्रेस के मजबूत गढ़ रहे हलके में वैसे तो इनेलो कभी-कभार सेंध लगाती रही है, लेकिन इस बार समीकरण बदल गए है। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद से भाजपा का उत्साह चरम पर है, लोग भी कांग्रेस और इनेलो नेताओं को वादे पूरे न करने से खफा है। ऐसे में जनता को बड़ा उलटफेर कर सकती है। चुनावों में बराड़ा व सीवरेज, सरकारी कालेज और नगरपालिका का दर्जा बड़ा मुद्दा रहा है, लेकिन दोनों ही दलों के नेताओं ने इसे पूरा नहीं किया। पिछले चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फूलचंद मुलाना चुनाव तो हारे, लेकिन सरकार ने फूलचंद को बीस सूत्री कार्यक्रम समिति का उपाध्यक्ष बना कर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया।

झंडी वाली कार मिलने पर फूलचंद मुलाना से हलके लोगों व अधिकारी दोनों ने राजबीर के बजाय मुलाना के दरबार में ही हाजिरी लगाते रहे, लेकिन इसके बाद विकास कार्य नहीं हुए। लोगों का आरोप है कि विधायक राजबीर बराड़ा भी सक्रिय नहीं रहे, कभी भी क्षेत्र की मांगों को सरकार के सामने सही प्लेटफार्म पर नहीं उठाया। इस बार भी इनेलो ने बराड़ा को मैदान में उतारा है, अब देखना है कि जनता जनता किसे जीत का आशीर्वाद देती है। विधायक पांच में सीवरेज नहीं डलवा पाए। जिसका उन्होंने प्रचार के समय जोर-शोर से इस मुद्दें को उठाया था। जिससे शहर में तब्दील होते जा रहे बराड़ा में सफाई का गंभीर संकट पैदा हुआ है।

नालियां से गंदे पानी ओवरफलो होकर सड़कों पर जमा हो रहा है। दूसरी तरफ विधायक राजबीर बराड़ा कहते हैं कि उन्होंने सरकार के सामने कई बार यह मामला उठाया है। लेकिन उनके विपक्षी पार्टी को होने के चलते काम नहीं कराया। बराड़ा में लंबे समय से सरकारी कालेज की मांच चली आ रही है। बराड़ा में फिलहाल एक प्राइवेट गर्ल्स कॉलेज है। लेकिन लड़कों को डिग्री कोर्स के लिए अंबाला या फिर साहा जाना पड़ता है। लोगों की बार-बार की मांग के बावजूद कॉलेज की मांग पूरी नही हो सकी। लोगों को सीएम के हालिया दौरे पर भी बराड़ा को नगरपालिका बनाने व सरकारी कॉलेज का तोहफा दिए जाने की उम्मीद थी। लेकिन निराशा हाथ लगी।

नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, क्षेत्र की प्रमुख समस्या -
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