कांग्रेस में कमान को लेकर मचा घमासान, वरिष्ठ नेता राहुल के खिलाफ

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By - haribhoomi.com |14 April 2015 6:30 PM
गांधी परिवार के भीतर ही कांग्रेस पार्टी दो खेमों में बंटती जा रही है।
दिल्ली. गांधी परिवार के भीतर ही कांग्रेस पार्टी दो खेमों में बंटती जा रही है। बुर्जग और युवा नेताओं के बीच प्रतिद्वंदी होने का अहसास लगातार बढ़ता जा रहा है। पुराने नेता इस बात पर एकमत हैं कि अभी राहुल गांधी को अपना अनुभव बढ़ाने की जरूरत है लिहाजा पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथ में ही रहनी चाहिए।
दूसरी तरफ राहुल के सर्मथक लगातार इस बात का दबाव बनाते जा रहे हैं कि अब ‘नए खून’ को फ्री-हैंड देने का सही वक्त हो चला है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने परसों सोनिया के हक में आवाज बुलंद करते हुए राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के खिलाफ राय व्यक्त की थी। मंगलवार को शीला दीक्षित ने भी कह दिया कि सोनिया गांधी अपनी जिम्मेदारियों और चुनौतियों से भागती नहीं हैं।
सीधा मतलब तो यही निकलता है कि राहुल गांधी अपने कंधों पर जिम्मेदारियों उठाने का माद्दा अभी पैदा नहीं कर पाए हैं और चुनौतियों के सामने वे असफल साबित हुए हैं। कांग्रेस के भीतर बहुत से ऐसे नेता हैं जो कैप्टन और दीक्षित के विचारों से सहमत तो हैं पर आवाज उठाने से बच रहे हैं।
दरअसल इस सच्चाई से सब वाकिफ हैं कि कांग्रेस का मुखिया एक दिन राहुल को ही बनना है लिहाजा उनकी खिलाफत भविष्य में परेशानी पैदा कर सकती है। कई वरिष्ठ और उम्रदराज नेता राहुल गांधी को अगले डेढ़-दो साल तक अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में नहीं हैं।
ऐसा नहीं है कि ये नेता सिर्फ और सिर्फ पार्टी की बेहतरी के लिए ऐसा कह और सोच रहे हों, दरअसल इनको लगता है कि राहुल के आते ही 70 पार के दिग्गज नेताओं को रिटायरमेंट दे दिया जाएगा। अमरिंदर इस बात से खफा है कि राहुल गांधी पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से प्रताप सिंह बाजवा की छुट्टी नहीं होने दे रहे हैं। दीक्षित भी माकन को लगातार महत्व दिए जाने के लिए राहुल को जिम्मेदार मानती रही हैं।
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