कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान कानून में संशोधन का प्रस्ताव, PF में घटेगा अंशदान

कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान कानून में संशोधन का प्रस्ताव, PF में घटेगा अंशदान
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विधेयक में ईपीएफ योजना को अब 10 या उससे अधिक श्रमिकों वाले संगठन में लागू करने का प्रस्ताव है।
नई दिल्ली. सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान कानून में ऐसे संशोधन का प्रस्ताव किया है जिसके तहत केंद्र कुछ विशेष मामलों में कर्मचारियों पर भविष्य निधि में अनिवार्य अंशदान को घटा या पूरी तरह माफ कर सकती है।
इस बारे में कोई फैसला श्रेणी विशेष के उद्योगों की वित्तीय स्थिति या अन्य हालात के आधार पर किया जाएगा। कानून में प्रस्तावित बदलावों के अनुसार, अगर केंद्र सरकार को किसी श्रेणी विशेष के उद्योगों के वित्तीय स्थिति या अन्य हालात के मद्देनजर जरूरी लगा तो वह कर्मचारियों के अनिवार्य भविष्य निधि अंशदान को घटा सकेगी या पूरी तरह माफ कर सकेगी।
श्रम मंत्रालय ने इस बारे में विधेयक के मसौदे पर संबंधित विभागों से 30 दिसंबर तक टिप्पणी मांगी है। मंत्रालय को कई नियोक्ता व कर्मचारी संगठनों से ज्ञापन भी मिले हैं। मौजूदा व्यवस्था में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को अपने मूल वेतन (महंगाई भत्ते सहित) के 12 प्रतिशत का अंशदान करना होता है। मसौदा विधेयक के अनुसार सरकार इस अंशदान को 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर सकती है। श्रम मंत्रालय ने इस विधेयक के मसौदे पर अन्य विभागों से सलाह मांगी है और इसके लिए 30 दिसंबर तक का समय है।
विधेयक में ईपीएफ योजना को अब 10 या उससे अधिक श्रमिकों वाले संगठन में लागू करने का प्रस्ताव है। अभी 20 से कम कर्ममारी वाले संगठन मुक्त हैं। इसमें कर्मचारियों के वेतन से अंशदान काटने के बाद उसे जमा न करने वाकी राशि को कोष में न जमा कराने पर न्यूनतम दंड 10,000 रुपये से बढ़ाकर 70,000 रुपये करने का भी प्रस्ताव है।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, जल्द सुधरेंगे देश में श्रमिकों की दशा -
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