Hindi Diwas 2025: हिन्दी में करियर की हजारो संभावनाएं, युवाओं के लिए सुनहरा मौका

Hindi Diwas 2025: मैंने जब कंटेंट राइटर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की तब मुझे यह भरोसा नहीं था कि राइटिंग के भरोसे मैं इतना आगे आ पाऊंगा। कुछ समय पहले तक बाजार में केवल अंग्रेजी का ही बोल-बाला था और हिन्दी को केवल अनपढ़ लोगों की भाषा समझी जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब न केवल हिन्दी पढ़ने और बोलने वालों की संख्या बढ़ रही है बल्कि हिन्दी रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है।
पहले व्यक्ति तंज में कहते थे कि हिन्दी से करियर नहीं बन सकता। हिन्दी में पैसा नहीं मिलेगा। लेकिन आज मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह धारणा पूरी तरह गलत है। बाजार में आज हिन्दी में कंटेंट राइटर्स के लिए अनेकों संभावनाएं हैं। यह कहना है लेखक और पत्रकार अनमोल दुबे का। पढ़ें हिंदी दिवस (14 सितंबर 2025) पर हिंदी में करियर संभावनाओं पर लेख।
आज के डिजिटल युग के में दौर हर चीज ऑनलाइन है। कंपनियां, संस्थान, स्टार्टअप, सरकारी दफ्तर, यहां तक कि छोटे दुकानदार भी इंटरनेट पर दिखना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें कंटेंट चाहिए। लेकिन यह कंटेंट अंग्रेजी में नहीं हो सकता क्योंकि भारत में अधिकतर लोग हिन्दी समझते और पढ़ते हैं। इसीलिए कंपनियों को अपनी बात हिन्दी में ही कहनी पड़ती है। यही कारण है कि दिन ब दिन हिन्दी कंटेंट की मांग बढ़ रही है।
हिन्दी कंटेंट की बढ़ती मांग युवा वर्ग के लिए इस क्षेत्र में करियर बनाने का सुनहरा अवसर है पर सवाल यह आता है कि कोई कहां और कैसे हिन्दी लेखक के रूप में काम कर सकता है तो इसके कई सारे जबाब है।
सोशल मीडिया के लिए लेखक
ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कंटेंट की भरमार है। कंपनियां चाहती हैं कि उनके उत्पाद एवं सेवाएं हिन्दी में प्रमोट हों। पोस्ट लिखने, वीडियो स्क्रिप्ट बनाने और कैप्शन लिखने जैसे काम के लिए कम्पनियां कंटेंट राइटर की तलाश करती हैं।
विज्ञापन के लिए कॉपीराइटर
हिन्दी समझने वालों की मांग को देखते हुए आज के समय में बड़ी से बड़ी कंपनियां अपने कैंपेन हिन्दी में चला रही हैं। इसके लिए विज्ञापन एजेंसियों को हिन्दी कॉपीराइटर की आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि हिन्दी में लिखी बात सीधे दिल तक पहुंचती है। यही असर है भाषा का।
एजुकेशनल कंटेंट डेवलपर
कोविड के बाद से ऑनलाइन शिक्षा का एक बड़ा क्षेत्र उभरा है। स्कूल, कॉलेज से लेकर प्रोफेशनल कोर्स तक की पढाई ऑनलाइन हिन्दी में की जा रही है। इसके लिए स्टार्टअप कंपनियां हिन्दी में कोर्स बना रही हैं। जिसके लिए उन्हें ऐसे लेखकों की जरुरत पड़ती है जो हिन्दी में एजुकेशनल कंटेंट डेवलपर कर सकें।
साहित्य लेखक के तौर पर
भारत में 2015-2016 के बाद जब से इंटरनेट सस्ता हुआ है। उपयोगकर्ताओं की भी संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। आज लगभग इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 85 करोड़ से ज्यादा हो गई है। ऐसे में ई-बुक पब्लिशिंग ने भी लेखन को नया रास्ता दिया है। पहले किताबें छपवाने का झंझट था। अब लेखक अपने उपन्यास, कहानियां, कविता और मोटिवेशनल किताबें सीधे ई-बुक बना कर दुनिया भर में बेच सकते हैं।
हिन्दी अनुवादक के रूप में
लोकलाइजेशन यानी स्थानीयकरण के कारण कंपनियां चाहती हैं कि उनकी वेबसाइट और ऐप हिन्दी में उपलब्ध हों। इसके लिए अनुवादक और कंटेंट राइटर की जरूरत होती है। इसके अलावा बहुत से प्रकशक देश-विदेश के चर्चित लेखकों के द्वारा अन्य भाषाओं में लिखी किताबों को हिन्दी में अनुवाद करवाना चाहते है यह काम केवल शब्दों को अनुवादित करने का नहीं होता बल्कि सोच और भाव को भी उसी तरह प्रस्तुत करने का होता है।
हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में
समाचार पत्र-पत्रिकाओं में परंपरागत लेखन के अलवा आज के समय में डिजिटल मीडिया- न्यूज पोर्टल, वेब चैनल और मोबाइल ऐप्स में भी हिन्दी की पत्रकारिता की मांग बढ़ रही है। यह पत्रकारिता बैक ग्राउंड रखने वाले युवाओं के लिए बहुत अहम है।
पब्लिक रिलेशन(जनसंपर्क) के रूप में
डिजिटलाइजेशन के इस युग में न केवल कंपनियां, व्यवसाय बल्कि राजनैतिक पार्टियाँ और व्यक्ति भी अपने आप को सोशल मीडिया और मीडिया में सबसे आगे रखना चाहते है। ऐसे में उन्हें आवश्यकता पड़ती है ऐसे हिन्दी कंटेंट राईटर की जो उनके सोशल मीडिया को मैनेज करते हुए मीडिया को भी मैनेज करें। उनके लिए सोशल मीडिया पोस्ट लिखें, कैप्शन दे, पोस्ट पर आए कमेंट्स का जवाब दे और मीडिया को उनके कामों की जानकारी दे।
कई बार युवा कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र से जुड़ने के बाद सोचते है की यह केवल शब्दों का खेल है। यह जिम्मेदारी और रचनात्मकता दोनों मांगता है। आपको पाठक की जरूरत समझनी होती है। उनकी भाषा में, उनके अंदाज में लिखना होता है। तभी कंटेंट असर डालता है।
कंटेंट राइटिंग के लिए बड़े निवेश की जरुरत नहीं। बस आपकी भाषा पर पकड़ हो, एक लैपटॉप हो, इंटरनेट हो और लिखने का जुनून हो। इस क्षेत्र में अब लेखकों को अच्छी वेतन मिल रही है। हिन्दी कंटेंट राइटर की फ्रीलांस प्लेटफॉर्म पर खूब मांग है। अब विदेशों में रहने वाले भारतीय लोग भी हिन्दी में कंटेंट लिखवाना चाहते हैं। मैंने जब शुरुआत की थी तो मेरे सामने भी चुनौतियां थीं। लेकिन धीरे-धीरे रास्ता साफ होता गया। अब हिन्दी कंटेंट राइटर्स का भविष्य उज्ज्वल है।
यह रास्ता लंबा है जरुर है पर रोमांचक और रोज कुछ नया सिखाने वाला भी है। हर दिन नए विषय, नए लोग और नए विचार सामने आते हैं। लेखन के साथ आप खुद भी सीखते हैं। अपने विचारों को दुनिया तक पहुंचाते हैं। जब आप हिन्दी कंटेंट राइटर के रूप में काम करते है तो एक अच्छी तनख्वाह के साथ-साथ अपनी भाषा में लिखने और अपनी भाषा को लोगों तक पहुचानें का आत्मसंतोष भी प्राप्त करते हैं।
(लेखक अनमोल दुबे सीनियर पत्रकार हैं। यह उनके स्वंय के विचार हैं।)
