अब कोई नहीं बनेगा सरबजीत, गलती से एलओसी लांघने पर होगी सकुशल वतन वापसी

अब कोई नहीं बनेगा सरबजीत, गलती से एलओसी लांघने पर होगी सकुशल वतन वापसी
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किसी बेकसूर नागरिक द्वारा सीमा रेखा लांघने पर अब उसे दुश्मन की जेल में यातनाएं नहीं सहनी पड़ेंगी, जल्द से जल्द उसकी वतन वापसी सुनिश्चित की जाएगी।
नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अब किसी बेकसूर नागरिक द्वारा सीमा रेखा लांघने पर अब उसे दुश्मन की जेल में यातनाएं नहीं सहनी पड़ेंगी बल्कि जल्द से जल्द उसकी सकुशल वतन वापसी सुनिश्चित की जाएगी। यहां पंजाब में भारत-पाक अंतरराष्ट्री अटारी-वाघा सीमा पर पाक के इलाके में भारत-पाक सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) की आमने-सामने हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंगलवार को हुई इस बैठक में दोनों देशों की ओर से एक ब्रिगेडियर और तीन लेफ्टिनेंट कर्नल स्तर के अधिकारी मौजूर थे।

यहां सेना के सूत्रों ने कहा कि आज सुबह पौने बारह बजे शुरू हुई इस बैठक में भारत ने पाक के समक्ष एलओसी पर की जा रही अंधाधुंध गोलीबारी पर विराम लगाने और सैनिकों पर घात लगाकर किए जा रहे खंूखार हमलों पर रोक लगाने की मांग पुरजोर ढंग से उठायी जिसके जबाव में पाक ने एलओसी पर शांति-सद्भाव बनाए रखने पर अपनी मंजूरी दी। बैठक का समापन दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर हुआ। भारत की ओर से बैठक की अध्यक्षता डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने की और पाक की ओर से डीजीएमओ, पाक मेजर जनरल आमेर रियाज शामिल हुए।

बैठक में यह भी तय हुआ कि नियंत्रण रेखा पर शांति और सदभाव को बनाए रखने के लिए ब्रिगेड कमांडर स्तर के सैन्य अधिकारियों के बीच जल्द ही दो फ्लैग बैठकें एलओसी पर होंगी। इनमें एक बैठक एलओसी के कृष्णाघाटी इलाके और दूसरी बिंबरगली सैक्टर में होने की संभावना जतायी जा रही है। डीजीएमओ के बीच हाटलाइन संपर्क को सार्थक और निष्कर्ष प्रभावी बनाने को लेकर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी। दोनों पक्षों ने एलओसी पर कायम मौजूदा तंत्र की बहाली के लिए हर संभव प्रयास करने पर भी रजामंदी दी।

- 1999 में हुई डीजीएमओ बैठक के लिए पाकिस्तान ने भारत को आमंत्रित किया था।
- बैठक पंजाब में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत के इलाके अटारी में एक बीएसएफ कैंप में हुई थी।
- करगिल युद्ध के बाद हुई इस बैठक के दौरान भारतीय सेना ने दुशमन द्वारा कब्जायी हुई सभी जगहों को खाली करा लिया था।
- इस बार भी बैठक के लिए पाक ने ही भारत को आमंत्रित किया है।
- बैठक के बाद तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष के तमाम नेताओं को बैठक और एलओसी पर मौजूदा हालात से रूबरू कराया था।
- 2003 के समझौते के बावजूद पाक ने एलओसी पर करीब 200 बार संघर्षविराम समझौते का उल्लंधन किया है।
- इस वर्ष अक्टूबर में पाक की ओर से सर्वाधिक करीब 50 आतंकवादियों के गुट ने एकसाथ नियंत्रण रेखा पार कर घुसपैठ का प्रयास किया।

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