''सेक्स आश्रम'' चलाने वाला बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित को लेकर बड़ा खुलासा

रोहिणी में विजय विहार स्थित आश्रम आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के प्रमुख बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित को लेकर एक और खुलासा हुआ है।
बता दें कि बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित करीब 19 साल पहले 1998 में कोलकाता की एक लड़की से रेप का आरोप लगा था। इस मामले में वो जेल भी गया था।
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जैसे ही वो जेल से बाहर आया तो वो स्विट्जरलैंड भाग गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहीं दूसरी तरफ वीरेंद्र के खिलाफ 1998 में सात केस दर्ज हुए थे। रेप के 6 मामलों में चार्जशीट भी दाखिल हुई थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, 30 मार्च 1998 को कोलकाता की एक लड़की के माता-पिता ने फर्रुखाबाद के कांपिल थाने में बेटी को जबरन आश्रम में बंधक बनाकर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया था।
पुलिस ने आश्रम के 11 सेवादारों को शांतिभंग की धारा में बंद कर विक्टि को नारी निकेतन भेज दिया था। अहमदाबाद के एक व्यक्ति ने इसके बाद 3 अप्रैल 1998 को शिकायत की थी कि उसकी बेटी के साथ आश्रम में रेप किया गया था।
कौन है वीरेंद्र देव दीक्षित
सेक्स बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित का जन्म 1942 में फर्रुखाबाद के अहमदगंज गांव में हुआ था। बाद में उसका परिवार कांपिल में शिफ्ट हो गया।
1965 में बाबा कांपिल के एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बना। उसने दो साल तक कयामगंज गर्ल्स स्कूल में भी नौकरी की।
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इसके बाद उसने 1969 में गुजरात यूनिवर्सिटी में संस्कृत से शोध शुरू किया। इसी साल वीरेंद्र देव दीक्षित राजस्थान के माउंट आबू में प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साथ भी जुड़ा था।
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