अब आपके डॉक्यूमेंट्स संभालेगा डिजीटल स्टोर

अब आपके डॉक्यूमेंट्स संभालेगा डिजीटल स्टोर
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कुछ कंपनियां कॉरपोरेट्स और इंडिविजुअल्स को डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सर्विसेज मुहैया कराती हैं। कंपनी फिजिकल डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल स्टोरिंग, दोनों के लिए स्टोरेज मुहैया कराती है।

नई दिल्ली.अपने निवेश संबंधी वित्तीय डॉक्यूमेंट्स (दस्तावेज) को सुरक्षित रखना जरूरी है। आज के ई-जमाने में आलमारी में हार्डकॉपी रखना ज्यादा समझदारी भरा कदम नहीं माना जाएगा। इसके बजाय हमें डिजिटल विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए। आजकल लोगों को पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा संख्या में डॉक्यूमेंट्स को सहेज कर रखने की जरूरत होती है। इन डॉक्यूमेंट्स में प्रॉपर्टी डीड्स, इनवेस्टमेंट डॉक्यूमेंट्स, टैक्स रिटर्न, इंश्योरेंस पॉलिसीज, लोन पेपर्स और केवाईसी डॉक्यूमेंट्स शामिल हैं। ये बेहद अहम होते हैं। दो हफ्ते पहले सरकार ने 10 लाख डिजिटल लॉकर्स इश्यू करने की योजना का ऐलान किया है। हर डिजिटल लॉकर की मेमोरी एक गीगाबाइट होगी। इससे लोग डॉक्युमेंट्स को डिजिटल तौर पर स्टोर कर पाएंगे। आइए जानते हैं फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स को डिजिटल स्टोर करने में क्या फायदे और नुकसान हैं।

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कुछ कंपनियां कॉरपोरेट्स और इंडिविजुअल्स को डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सर्विसेज मुहैया कराती हैं। कंपनी फिजिकल डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल स्टोरिंग, दोनों के लिए स्टोरेज मुहैया कराती है। सब्सक्राइबर्स के लिए लॉग-इन आईडी और पासवर्ड के साथ एक एकाउंट क्रिएट किया जाता है। कंपनी डॉक्यूमेंट लेती है, उन्हें स्कैन करती है और इन्हें क्लाइंट के लिए आॅनलाइन मुहैया कराती है। फिजिकल डॉक्यूमेंट्स को एक सिक्योर्ड लोकेशन पर स्टोर किया जाता है और आप ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं, जो 2-3 दिनों में आपको मुहैया करा दिए जाते हैं। आईटीआरवॉल्टडॉटइन इनकम टैक्स और वेल्थ टैक्स से जुड़े आपके सभी महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करने में मदद देती है। आपको एकाउंट बनाना होता है, पेमेंट करना होता है और इसके बाद आप टैक्स से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर सकते हैं। कंपनी इनकम टैक्स अपडेट्स भी भेजती है। वनअसिस्ट फ्री आॅनलाइन स्टोरेज देती है।

क्या है जोखिम

कंपनियां कई लेवल की सिक्योरिटी आॅफर करने का दावा कर सकती हैं। हालांकि, आपको अपने फिजिकल डॉक्युमेंट्स तक तत्काल एक्सेस नहीं मिलती है। इसलिए कॉन्ट्रैक्ट करने से पहले टर्म्स और कंडीशंस को पढ़ लें।

लागत : 200 से 500 रुपये सालाना।

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कंप्यूटर और मोबाइल एप

आप अपने डॉक्युमेंट्स डेस्कटॉप या लैपटॉप में भी सेव कर सकते हैं। फ्री मोबाइल एप्स न केवल आपके डॉक्युमेंट्स को स्कैन करते हैं, बल्कि इन्हें क्रॉप करते हैं और ज्यादा स्पष्ट बनाते हैं। लेकिन इसमें जोखिम है कि अगर आपका कंप्यूटर क्रैश कर गया, तो आपका सेव किया डेटा चला जाएगा। किसी एक्सटर्नल ड्राइव में भी डॉक्यूमेंट्स का बैकअप रखना जरूरी है।

क्लाउडिंग भी विकल्प

गूगल डॉक्यूमेंट्स, आईक्लाउड और ड्रॉपबॉक्स जैसे क्लाउड्स पर भी डॉक्युमेंट्स को रखा जा सकता है। आप अपने स्मार्टफोन पर भी इन डॉक्यूमेंट्स को एक्सेस कर सकते हैं। इसे सेक्योर करने के लिए आप पासवर्ड प्रोटेक्टेड पीडीएफ बना सकते हैं। ज्यादातर क्लाउड स्टोरेज फ्री में मौजूद हैं।

ई-लॉकर्स

यह सर्विस फिलहाल एक बैंक मुहैया करा रहा है। यहां आपको डिजिटल लॉकर मिलता है, जिसमें आॅनलाइन डॉक्युमेंट स्टोरेज की फैसिलिटी मिलती है। नेट बैंकिंग में जो खतरे हैं, वही इस पर भी लागू होते हैं। कॉस्ट फ्री है।

नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, क्या हैं परंपरागत तरीके
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