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11 साल बाद शहाबुद्दीन जेल से रिहा, सर्मथकों ने किया स्वागत

शहाबुद्दीन के समर्थकों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया।

11 साल बाद शहाबुद्दीन जेल से रिहा, सर्मथकों ने किया स्वागत
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पटना. पटना हाई कोर्ट से बुधवार को जमानत मिलने के बाद शनिवार सुबह करीब 7:15 बजे शहाबुद्दीन जेल से बाहर आए। इस मौके पर हजारों की तादात में उनके समर्थक जेल के पास जुटे थे। जैसे से शहाबुद्दीन गेट से बाहर आए भगदड़ मच गई। उनके पास जाने के लिए लोग आगे बढ़ने लगे। जेल के बाहर हजारों समर्थक एक सुर में नारेबाजी कर रहे थे। सबके चेहरे पर खुशी झलक रही थी।
भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद प्रदेश में एक बार फिर से भय और आतंक का माहौल बनने लगा है। सोशल मीडिया पर ऐसे ही प्रतिक्रिया सामने आ रही है। शहाबुद्दीन लालू की पार्टी के कदवार नेताओं में से एक हैं। सीवान ही नहीं पूरे बिहार के लोग आज भी इसके नाम भर से थर्राते हैं। शहाबुद्दीन के जुल्म की कहानियां लंबी है। इसपर 63 से ज्यादा मामले दर्ज है।
भागलपुर जेल से बाहर निकलने के बाद शहाबुद्दीन सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ सिवान स्थित पैतृक गांव प्रतापपुर पहुंच चुके हैं। इसके पहले जगह-जगह समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। गोपालगंज में आतिशबाजी के दौरान समर्थकों के दो गुट आपस में ही भिड़ गए थे।
खगड़िया में शहाबुद्दीन के समर्थकों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। समस्तीपुर के विधायक अख्तरूल इमाम शाहीन ने समस्तीपुर के मुसरी घरारी में मो.शहाबुद्दीन सहित पूरे काफिले का स्वागत किया। इसके बाद वैशाली जिले के कावा चिकलौटा में भोजन के बाद काफिला मुजफ्फरपुर के रास्ते सिवान के लिए बढ़ चला।
उनका काफिला मुजफ्फरपुर से एनएच 28 से पीपराकोठी और डुमरिया घाट पुल होते हुए गोपालगंज और वहां से सिवान पहुंचा। सिवान में समर्थकों में उनकी एक झलक पाने की बेताबी दिखी। उनके पैतृक गांव प्रतापपुर में भी जश्न का माहौल है। वहां दिन में ही उनके स्वागत की तैयारी शुरू हो गई थी।
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में पूछे जाने पर शहाबुद्दीन ने कहा कि यह मामला किसी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से आया था, वहीं लोग बताएंगे या सीबीआई बताएगी। उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि सिवान में लोग डरे हुए हैं? सिवान की बाइस लाख जनता में अगर दस लोग बेवजह डरे हुए हैं तो मैं क्या कर सकता हूं? कोई मेरी वजह से डरा हुआ है ये बात मुझे नहीं पता, सिवान के लोग खुश हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग यह कह रहे वो लोग मेरा इमेज खराब कर रहे हैं। शहाबुद्दीन ने कहा कि वह घर जाने के बाद राजदेव के परिवार से भी मिलेंगे।
अपराधी की दुनिया का है बेताज बादशाह
19 साल की उम्र में शहाबुद्दीन ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। वो पहली बार 1990 में जेल में रहते हुए ही निर्दलीय विधायकी का चुनाव जीतने वाले शहाबुद्दीन पर 63 केस दर्ज हैं। सीवान में शहाबुद्दीन को साहेब के नाम से जाना जाता है। शहाबुद्दनी की गिरफ्तारी के बाद ही नीतीश कुमार को सुशासन बाबू कहा जाने लगा था। नीतीश कुमार ने भी शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने का भरोसा जनता को दिया था। दो सगे भाई समेत तकरीबन 2 दर्जन से ज्यादा की हत्या के आरोप में 11 वर्षो से शहाबुद्दीन जेल में बंद थे।

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