बोफोर्स घूस कांड: 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, ये है पूरा मामला

बोफोर्स घूस कांड: 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, ये है पूरा मामला
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भाजपा नेता अग्रवाल ने हिन्दुजा बंधुओं के खिलाफ आरोप खारिज करने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट बोफोर्स तोप सौदे को दोबारा सुनने को तैयार हो गई है। मुख्य न्यायाधीन दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच अब बोफोर्स कांड से जुड़ी याचिका पर 30 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेता अजय अग्रवाल ने याचिका दायर की है। अग्रवाल ने इस मामले में हिन्दुजा बंधुओं के खिलाफ सभी आरोप खारिज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। मौजूदा समय में यूरोप में रह रहे हिन्दुजा बंधुओं को हाई कोर्ट ने 31 मई 2005 में आरोपों से बरी कर दिया था।

ये था मामला

  • 24 मार्च 1986 को भारत सरकार और स्वीडन की कंपनी एबी बोफोर्स के बीच करार हुआ था।
  • 1987 के बाद से ही बोफोर्स सौदे को लेकर काफी बहसें और शंकाएं पैदा हईं।
  • आरोप लगा कि एक निश्चित धनराशि बोफोर्स कंपनी ने गुपचुप तरीके से स्विट्‌जरलैंड के पब्लिक बैंक अकाउंट्‌स में जमा कराई गई।
  • यह भी आरोप है कि यह रिश्वत भारत सरकार के पब्लिक सर्वेंट्‌स और उनके नामांकित लोगों को दी गई।
  • सीबीआई ने 22 जनवरी 1990 को इस मामले में केस को दर्ज किया था, इस कांड की वजह से राजीव गांधी सरकार को दोबारा सत्ता में नहीं आ पाई।
  • जांच में उजागर हुआ कि ए बी बोफोर्स ने ओट्टावियो क्वात्रोची के अलावा कुछ और लोगों के साथ भी साठगांठ की और ए ई सर्विसेज को अपना एक एजेंट बनाया।
  • ओट्टावियो क्वात्रोची ने बोफोर्स तोप सौदे में मुख्य भूमिका निभाई थी।
  • ए ई सर्विसेज नाम की कंपनी का मालिक वही था और इसके नाम से बैंक अकाउंट को भी वही ऑपरेट करता था।
  • क्वात्रोची के नाम का खुलासा पहली बार 23 मार्च 1993 को हुआ।
  • खुलासे के बाद क्वात्रोची ने 29 जुलाई 1994 को जल्दबाजी में अपनी पत्नी के साथ भारत छोड़ दिया। वह आज तक भारत वापस नहीं आया।
  • 1986 में होवित्जर तोपों के सौदे के लिए करोड़ों की रिश्वत दी गई थी। यह सौदा 1437 करोड़ रुपये का था।
  • स्वीडिश मुख्य जांचकर्ता स्टेन लिंडस्ट्रोम ने भी माना है कि इस मामले में शीर्ष स्तर पर रिश्वत ली गई थी।
  • इसके बाद भाजपा सांसदों ने संसद में बोफोर्स घूसकांड की फिर से जांच शुरू कराने की मांग की थी।

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