सोमनाथ की तर्ज पर होगा राम मंदिर का निर्माण: तोगड़िया

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By - ????? ???? |26 March 2017 9:32 AM
तोगड़िया ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है कि वह यूपी में संवैधानिक पद्धति से राम मंदिर निर्माण कराएंगे।
नई दिल्ली. उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिले प्रचंड बहुमत के बाद से राजनीतिक गलियारों में शुरू हुए राम मंदिर निर्माण के प्रसंग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की धर्म संसद का स्पष्ट मत है कि राम मंदिर का निर्माण सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर होना चाहिए। इस विचार में बीते कई दशकों से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, यह स्थायी है।
यह जानकारी यहां शनिवार को वीएचपी की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और कांग्रेस के उस समय केंद्र में सिविल सप्लाई मंत्री रहे कहैन्यालाल मुंशी जैसे नेताओं ने तत्कालीन राष्टपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद के साथ बैठकर चर्चा करके सोमनाथ मंदिर का निर्माण करवाया था। उसी तर्ज पर आज राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए, यानि सरकार व संसद में बने कानून के द्वारा। लेकिन इसके लिए उन्होंने कोई तय समयसीमा बताने से इंकार कर दिया।
संवैधानिक पद्धति आधार हो
हम अपने संविधान का सम्मान करते हैं। किसी सामाजिक समस्या का समाधान संवैधानिक पद्धति से किया जाना चाहिए। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर पूरा भरोसा है कि वो उत्तर-प्रदेश विस चुनावों के दौरान संवैधानिक पद्धति से राम मंदिर निर्माण को लेकर किए गए अपने वादे को पूरा करेंगे। पीएम अपने वचन के पक्के हैं।
हम चाहते हैं कि वो शीध्र संसद में कानून लाकर हिंदुओं की आकांक्षाआें का मार्ग प्रशस्त करेंगे। महंत अवैधनाथ, अशोक सिंघल, रामचंद्र परमहंस जैसे मंदिर के तीन आधार स्तंभ जो मंदिर का दर्शन किए बिना ही इस पृथ्वी से चले गए। इसलिए अब मोदी और योगी इन तीन विभूतियों व करोड़ों हिंदुआें की आकांक्षाआें व अपनी पार्टी के प्रस्ताव को पूर्ण करेंगे।
जन संकल्प तैयार करेगी वीएचपी
इस विषय को लेकर आगामी रामनवमी से वीएचपी देश में कुल पांच हजार जगहों पर संसद में कानून के आधार मंदिर निर्माण के अपने मत को लेकर जनता के बीच जाएगी। इसमें ताल्लुक, ब्लॉक, जिला स्तर पर जन संकल्प के कई कार्यक्रम होंगे। यह जन संकल्प निर्णय करने वाली सरकार को ताकत देगा। इसके बाद जून में हरिद्वार में संतों की एक बैठक होगी, जिसमें मुद्दे पर और आगे बढ़ा जाएगा।
लेकिन इस धर्म संसद में इस बार राम मंदिर के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होगी। इस पर हमने अंतिम फैसला किया है कि राम मंदिर निर्माण का संसद में कानून ही एकमात्र विकल्प होगा। धर्म संसद में हिंदू समाज के अन्य विषयों पर होगी। मंदिर का विषय हम पीएम, देश की संसद और जनता के संकल्प पर छोड़ रहे हैं। ये तीनों जरूर मंहत अवैधनाथ, सिंघल, परमहंस और राम मंदिर आंदोलन को लेकर आज तक साढ़े चार लाख पूर्वजों के बलिदान का अयोध्या में मंदिर बनाकर तर्पण कराएंगे। अब अगली धर्म संसद हम तब बुलाएंगें जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा।
कांग्रेस समेत अन्य दलों को नसीहत
हम किसी राजनीतिक दल के विरोधी नहीं हैं। राम मंदिर आंदोलन आधुनिक इतिहास में कांग्रेस के नेता दाऊदयाल खन्ना ने शुरू किया था व वीएचपी को इससे जोड़ा था। इसलिए यह कहना कि यह आंदोलन हमारा है, गलत होगा। वीएचपी के संस्थापकों में से एक कहैन्यालाल मुंशी थे, जो कांग्रेस के मंत्री थे। देश की राजनीति में एंटी हिंदू व प्रो-डेवलपमेंट को लेकर स्वतंत्र भारत में बड़ा प्रवाह चला।
दूसरा प्रवाह डेवलपमेंट बट नो हिंदूत्व आया और अब प्रवाह शुरू होने जा रहा है डेवलपमेंट प्लस हिंदूत्व। हिंदूत्व विकास का विरोधी नहीं है। दोनों साथ में चल सकते हैं। लेकिन डेवलपमेंट को लेकर हिंदूत्व का विरोध करेंगे। इसलिए मैं देश के राजनीतिक दलों को पुन: अपनी राजनीति की पॉलिसी का चिंतन करने की प्रार्थना करूंगा। मैं किसी को धमकी नहीं दे रहा हूं।
मैं एक हिंदू नेता होने के नाते अपनी बात कह रहा हूं। कोई भी दल बहुसंख्यक आबादी को अपमानित करके शासन नहीं कर सकता है। बहुत हो गया, अब बस। यह फे ज खत्म हो रहा है। एक मिलेनियम से हिंदू अपमानित हो रहे हैं। हमें मुगलों, ब्रिटिश से लेकर भारतीय राजनीतिक दलों ने बीते 70 वर्षों से अपमानित किया है। अब हम चाहते हैं कि विकास होना ही चाहिए।
लेकिन हिंदूत्व के साथ। देश में 19 करोड़ लोग भूखे सो रहे हैं, 15 करोड़ बेरोजगार युवा हैं। इन सबके साथ हिंदूआें की भावनाआें का भी आदर करें। भविष्य में देश की जो राजनीति चलेगी, वो हिंदूत्व प्लस डेवलपमेंट के आधार पर चलेगी। बाकी दल हिंदूआें की भावनाओं का सम्मान करके चलें। हिंदूआें का आदर करने की परंपरा को लेकर भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा, वामपंथियों के बीच प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।
सुको के निर्णय पर मौन
सर्वोच्च न्यायालय के दोनों समाजों से विचार-विमर्श करने के प्रस्ताव पर तोगड़िया ने कहा कोर्ट के प्रस्ताव पर मैं कुछ नहीं कहूंगा। मैं पीएम व सरकार को भी इस मुद्दे की याद नहीं दिला रहा हूं। मैं राम मंदिर पर वीएचपी का पक्ष रख रहा हूं। हम चाहते हैं कि पीएम देश को विकास के एजेंड़े पर ले जाएं। सभी दल हिंदूत्व व विकास के रास्ते पर चलें। देश दंगामुक्त होना चाहिए, बेरोजगारी न हो। लेकिन हमें मंदिर भी चाहिए, रोजगार भी चाहिए। हमें मंदिर भी चाहिए और कर्जमुक्त किसान भी चाहिए। इसलिए अगर सभी दल इस दिशा में जाएंगे तो यह हमारी विचारधारा की विजय होगी
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