पोखरण परमाणु परीक्षण में हुई थी छह घंटे से ज्यादा की देरी, वैज्ञानिक ने बताई वजह

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By - टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्ली |15 May 2018 3:08 PM
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि हवा की प्रतिकूल दिशा के कारण 11 मई 1998 को किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण में छह घंटे से ज्यादा की देरी हुई थी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि हवा की प्रतिकूल दिशा के कारण 11 मई 1998 को किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण में छह घंटे से ज्यादा की देरी हुई थी।
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उन्होने कहा, 'परीक्षण में कुछ घंटों की देरी करने का फैसला हवा के विकिरण को रिहाइशी इलाकों या पाकिस्तान की ओर ले जाने की आशंका को ध्यान में रखते हुए लिया गया था।'
परीक्षण टीम का हिस्सा रहे मंजीत सिंह ने कल यहां डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में कहा , ‘वास्तविक योजना सभी तीन उपकरणों का सुबह नौ बजे परीक्षण करने की थी लेकिन हवा की प्रतिकूल दिशा के कारण पूरे कार्यक्रम में देरी हुई।'
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उन्होंने बताया, ‘और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के प्रोटोकॉल के मुताबिक हवा की दिशा अन्य देशों या रिहाइशी इलाकों की ओर नहीं होनी चाहिए। ऐसे में हवा की दिशा बदल जाए, इसके लिए हमने करीब छह घंटे तक इंतजार किया।'
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