आधार कार्ड और पासपोर्ट को लेकर आज से लागू हुए नए नियम, जानिए क्या हुए बदलाव

आधार कार्ड और पासपोर्ट को लेकर आज से लागू हुए नए नियम, जानिए क्या हुए बदलाव
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आधार कार्ड और पासपोर्ट के प्रयोग से सम्बंधित नियमों में एक जून से बदलाव किया गया है। आज से आधार नंबर देने की ज़रूरत नहीं आज से पहले पहले तक आपको किसी प्रकार का वेरिफिकेशन करवाने के लिए आधार कार्ड नंबर देना पड़ता था जिससे आपकी निजी जानकारी सार्वजनिक हो जाती थी।

आधार कार्ड और पासपोर्ट के प्रयोग से सम्बंधित नियमों में एक जून से बदलाव किया गया है। आज से आधार नंबर देने की जरूरत नहीं आज से पहले पहले तक आपको किसी प्रकार का वेरिफिकेशन करवाने के लिए आधार कार्ड नंबर देना पड़ता था जिससे आपकी निजी जानकारी सार्वजनिक हो जाती थी।

लेकिन अब नई गाइडलाइन में आधार कार्ड नहीं देना होगा। आधार कार्ड बनाने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने वर्चयुल आईडी बनाने के लिए बीटा संस्करण लांच किया है।

इस सेवा के माध्यम से किसी भी प्रकार की संस्था अब पहचान के लिए वर्चयुल आईडी को मान्य करने लगेंगी और उन्हें एक जून से वर्चयुल आईडी को स्वीकार करना पडेगा।

निवास के प्रूफ में शामिल नहीं होगा पासपोर्ट

विदेश मंत्रालय की नई गाइडलाइन के अनुसार एक जून से पासपोर्ट को निवास के प्रूफ के रूप में नहीं माना जाएगा। आपके पते की पूरी डिटेल अब पासपोर्ट बुकलेट के आखिरी पन्ने पर नहीं छापी जाएगी।

नई गाइडलाइन में अब आखिरी पन्ने में सिर्फ एक बारकोड होगा जिसे स्कैन करने के बाद आपकी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इस बदलाव के बाद आपके पासपोर्ट बुकलेट में किसी प्रकार की पते सम्बंधित जानकारी नहीं होगी।

विदेश मंत्रालय ने कहा है की जब तक रीजिनल कार्यालयों में पुराने पासपोर्ट बुकलेट छपाई में खत्म नहीं हो जाते तब तक पासपोर्ट के पिछले पन्ने पर पता छापा जाएगा। इस नए नियम की शुरुआत नए पासपोर्ट बुकलेट से की जायेगी जिसमे सिर्फ बारकोड होगा।

यूआईडीएआई ने समय सीमा बढ़ाई

यूआईडीएआई ने बैंक और दूरसंचार कंपनियों के लिए तय समय सीमा से एक महीने और बढ़ा दिया है। जिसके बाद अब बैंकों और टेलीकॉम कंपनियों को जुलाई से नया नियम अमल में लाना होगा।

वर्चयुल आईडी का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को यह विकल्प उपलब्ध करवाना है कि उन्हें प्रमाणन के समय अपना आधार नंबर नहीं उपलब्ध करना पड़े।

यूआईडीएआई को जनवरी में ही निजता से सम्बंधित कई मामलों का सामना करना पड़ा था जिसके बाद आधार कार्ड के विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होने लगे थे। इन्ही कारणों के चलते भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने जनवरी में वर्चयुल प्रणाली शुरू करने की घोषणा की थी।

इस प्रणाली के माध्यम से अब कोई भी आधार कार्ड धारक अपना वर्चयुल आईडी बना कर उसे किसी भी संस्था में पहचान के लिए मांगे जाने पर प्रस्तुत कर सकता है।

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