RBI Policy: रिजर्व बैंक ने इन 10 बातों पर दिया ज्यादा ध्यान, आपको भी जानना है जरुरी

RBI Policy: रिजर्व बैंक ने इन 10 बातों पर दिया ज्यादा ध्यान, आपको भी जानना है जरुरी
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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है। रिजर्व बैंक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की पहचान के लिये अगले तीन-चार दिनों में संशोधित परिपत्र जारी करेगा। संशोधित परिपत्र 12 फरवरी को जारी हुए पुराने परिपत्र का स्थान लेगा।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है। रिजर्व बैंक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की पहचान के लिये अगले तीन-चार दिनों में संशोधित परिपत्र जारी करेगा। संशोधित परिपत्र 12 फरवरी को जारी हुए पुराने परिपत्र का स्थान लेगा।

पुराने परिपत्र को उच्चतम न्यायालय ने दो अप्रैल के अपने एक निर्णय में रद्द कर दिया था। उक्त परिपत्र में बैंक कर्ज की किस्त के भुगतान में ग्राहक की ओर से एक दिन की देरी को भी एनपीए करार देने का प्रावधान था। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नीतिगत समीक्षा बैठक के परिणाम की घोषणा के बाद होने वाले संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा कि एनपीए की पहचान को लेकर 12 फरवरी को जारी किये गये परिपत्र की जगह पर संशोधित परिपत्र शीघ्र ही तीन-चार दिनों में जारी किया जाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बृहस्पतिवार को घोषित 2019-20 की दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीतिगत समीक्षा के मुख्य बिंदु निम्न हैं-

1. रेपो दर में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती। रेपो दर अब 5.75 प्रतिशत।

2. रिवर्स रेपो 5.50 प्रतिशत, उधार की सीमांत स्थायी सुविधा पर ब्याज दर छह प्रतिशत।

3. रिजर्व बैंक का ननीतिगत रुख 'तटस्थ' से हुआ 'नरम'।

4. वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत किया गया।

5. खुदरा मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान बढ़ाकर अप्रैल-सितंबर के लिये 3.0-3.1 प्रतिशत और अक्टूबर-मार्च के लिये 3.40-3.70 प्रतिशत किया गया। निकट भविष्य में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान।

6. मानसून की अनिश्चितता, सब्जियों की कीमतों में बेमौसम तेजी, कच्चा तेल की बढ़ती कीमतें, वित्तीय बाजार का उथल-पुथल और राजकोषीय परिदृश्य के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये आरटीजीएस और एनईएफटी पर शुल्क समाप्त।

7. एटीएम शुल्क, बैंकों द्वारा लिये जाने वाले शुल्क की समीक्षा के लिये समिति का गठन।

8. छोटे वित्तीय बैंकों के लिये सदासुलभ लाइसेंसिंग पर दिशानिर्देशों का प्रस्ताव अगस्त तक।

9. निवेश में तेज गिरावट और निजी खपत की वृद्धि हल्की होने पर चिंता। मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाने का पक्ष लिया।

10. जून की शुरुआत में बैंकिंग प्रणाली में तरलता (नकद/नकद समतुल्य धन) का औसत दैनिक अतिरेक 66 हजार करोड़ रुपये था। विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार 31 मई 2019 को 421.90 अरब डॉलर था। मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा सात अगस्त को।

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