ओबीसी क्रीमीलेयर में बड़े बदलाव की तैयारी, आय सीमा की जाएगी इतनी

केंद्र सरकार ओबीसी क्रीमीलेयर को लेकर बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। अब क्रीमी लेयर के निर्धारण में वेतन व कृषि आय को भी शामिल किया जाएगा। आय सीमा 8 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये सालाना की जा सकती है।
सरकार पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित 27 फीसदी आरक्षण का लाभ अति पिछड़ों तक पहुंचाने के लिए क्रीमीलेयर के नियमों में संशोधन करने पर विचार कर रही है। इसके लिए मोदी सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी बीपी शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी।
जिसने अपनी सिफारिश में कहा है कि ओबीसी क्रीमीलेयर के निर्धारण में वेतन व कृषि की आय को शामिल किया जाए। इसकी सीमा 12 लाख तक कर दी जाय। अभी तक जिनकी आय 8 लाख या इससे कम है वही लोग क्रीमीलेयर के दायरे में हैं। आय के निर्धारण में वेतन व कृषि आय को शामिल करने का प्रावधान नहीं है।
सूत्रों की माने तो सरकार बीपी शर्मा कमेटी की सिफारिशों को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। उसका मानना है कि इससे न केवल क्रीमीलेयर का निर्धारण ज्यादा व्यावहारिक हो जाएगा। बल्कि जरूरतमंद लोगों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। इसको लेकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने नोट भी तैयार कर लिया।
बिहार चुनाव के चलते मतभेद
इसको लागू करने के समय को लेकर अभी मतभेद चल रहा है। सरकार के कुछ शीर्ष रणनीतिकारों का मानना है कि अगर इसे बिहार चुनाव से पहले लागू कर दिया तो राष्ट्रीय जनतादल को बैठे-बैठाए एक बड़ा मुद्दा मिल जाएगा। वह लोगों के बीच जाकर यह कह सकती है कि केंद्र की भाजपा सरकार पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने का षड़यंत्र कर रही है।
बिहार के 2015 के विधानसभा चुनाव में संघ प्रमुख मोहन भावगत द्वारा आरक्षण के पुनर्विचार को लेकर दिए गए एक बयान पर खूब राजनीति हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी की तमाम सफाई के बावजूद माना जाता है कि विपक्ष का भाजपा पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप भारी पड़ा। पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इसके मद्देनजर संभव है कि इसे बिहार विधानसभा चुनाव तक टाल दिया जाय। लेकिन ओबीसी क्रीमीलेयर में बदलाव यह तकरीबन तय माना जा रहा है।
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