क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोकसभा में सरकार का बड़ा ऐलान, Bitcoin के लेनदेन का कोई डेटा नहीं

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोकसभा में सरकार का बड़ा ऐलान, Bitcoin के लेनदेन का कोई डेटा नहीं
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केंद्र सरकार के द्वारा बिटकॉइन लेनदेन से संबंधित डेटा पर एक सावाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र भारत में बिटकॉइन लेनदेन पर कोई डेटा एकत्र नहीं करता है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में सरकार ने बड़ा बयान दिया। सोमवार को लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने एक बयान के दौरान डिजिटल करेंसी को लेकर कहा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा और अभी इसको लेकर कोई प्लानिंग भी नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के द्वारा बिटकॉइन लेनदेन से संबंधित डेटा पर एक सावाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र भारत में बिटकॉइन लेनदेन पर कोई डेटा एकत्र नहीं करता है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि भारत सरकार बिटकॉइन लेनदेन पर डेटा एकत्र नहीं करती है और देश में बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का उसका कोई प्रस्ताव नहीं है।

वहीं मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के तौर पर स्वीकार करने की कोई योजना नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में दुनिया के सबसे अधिक 10.07 करोड़ क्रिप्टोक्यूरेंसी यूजर हैं। 2.74 करोड़ क्रिप्टो-मालिकों के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर है। उसके बाद रूस और नाइजीरिया जैसे देश आते हैं।

केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। बिल में कुछ अपवादों को छोड़कर देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। इसकी वजह से कई लोगों का करोड़ों रुपये का नुकसान होगा। बिल भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है।

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