गुजरात के विधायक भूपेंद्र खांट का जाति प्रमाणपत्र फिर अमान्य घोषित

गुजरात में मोरवा हदफ सीट से विधायक भूपेंद्र खांट फिर से मुसीबत में घिरते नजर आ रहे हैं। एक जांच समिति ने फिर से उनके जाति प्रमाणपत्र को अमान्य घोषित कर दिया है। इसके साथ ही समिति ने जनजाति समुदाय से होने के उनके दावे को नकार दिया है।
पंचमहाल जिले की मोरवा हदफ विधानसभा सीट जनजाति समुदाय के लिए सुरक्षित है। आदिवासी विकास आयुक्त आर जे मकाडिया की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने आज खांट के जाति प्रमाण पत्र को अमान्य घोषित कर दिया। इसके पहले समिति ने विधायक द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों की जांच की।
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खांट ने दिसंबर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विक्रमसिंह दिनदोर को चार हजार से अधिक मतों से हराया था। इसके बाद उन्होंने घोषणा की थी कि वह कांग्रेस में शामिल होंगे।
मकाडिया ने पीटीआई से कहा कि जांच समिति ने विधायक द्वारा अपने दावों के समर्थन में मुहैया कराए दस्तावेजों की जांच की और पाया कि केंद्र सरकार द्वारा तय मानकों के अनुसार वह जनजाति समुदाय से नहीं हैं।
विधायक के निर्वाचन के कुछ हफ्तों बाद ही समिति ने पहले भी उनके जाति प्रमाण पत्र को अमान्य घोषित कर दिया था। गुजरात उच्च न्यायालय ने आदिवासी विकास आयुक्त के आदेश को रद्द कर दिया था और विधायक को एक बार फिर अपने दस्तावेजों के साथ समिति से संपर्क करने को कहा था। विधायक एक बार फिर उच्च न्यायालय का रूख कर सकते हैं क्योंकि चुनाव आयोग उनके निर्वाचन को रद्द कर सकता है।
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