सरकारों को दलित शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिये: हाईकोर्ट

X
By - टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्ली |24 Jan 2018 12:52 AM
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों को अपने पत्राचार में दलित शब्द का प्रयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि संविधान में इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों को अपने पत्राचार में दलित शब्द का प्रयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि संविधान में इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
ग्वालियर के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मोहनलाल माहोर की रिट याचिका का निस्तारण करते हुए न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति अशोक कुमार जोशी की खंडपीठ ने पिछले सप्ताह कहा कि उसे इस बारे में कोई संदेह नहीं कि सरकारी कर्मचारी इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करें।
ये भी पढ़ें- वीडियो: हिंदू देवी-देवताओं को गाली देना पड़ा महंगा, दलित युवक की पिटाई के बाद तनाव का माहौल
पीठ ने कहा कि इस मामले में, चूंकि याचिकाकर्ता केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के पदाधिकारियों द्वारा जारी ऐसा कोई दस्तावेज रिकॉर्ड में नहीं ला सका जहां कहा गया हो कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति शब्द की जगह दलित शब्द का प्रयोग किया जाए। इसलिये, हम किसी हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं हैं।
पीठ ने कहा कि हालांकि हमें इस बात पर कोई संदेह नहीं कि केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और इसके कर्मियों को अजा, अजजा के सदस्यों के लिए दलित शब्द के प्रयोग से बचना चाहिए क्योंकि दलित शब्द का संविधान या किसी कानून में जिक्र नहीं मिलता।
याचिकाकर्ता के वकील जितेंद्र शर्मा ने बताया कि अदालत ने 15 जनवरी को यह फैसला सुनाया।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Tags
Next Story
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS