SC, ST अत्याचार रोकथाम अधिनियम में संशोधनों को चुनौती देने वाली नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम, 1989 में संशोधन को चुनौती देने वाली एक नई याचिका आज उच्चतम न्यायालय में दायर की गई। इस याचिका में दावा किया गया कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करता है।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने निर्देश दिया कि इस मामले को अन्य लंबित मामलों के साथ सूचीबद्ध किया जाए।
याचिकाकर्ता वकीलों सुमन रानी और हीरा लाल त्रिवेदी की ओर से पेश अधिवक्ता वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि वर्ष 1989 के कानून में संशोधन संविधान के तहत दिये गये मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
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याचिका में इस कानून की एक धारा को निरस्त करने की मांग की गई जिसने शीर्ष अदालत के 20 मार्च के फैसले को निष्प्रभावी बना दिया था जिसने अजा,अजजा कानून के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों को लगभग हल्का बना दिया था।
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