चारा घोटाला: सीबीआई अदालत में जज के खुलासे से हड़कंप, लालू ने दिया मजेदार जवाब

चारा घोटाला: सीबीआई अदालत में जज के खुलासे से हड़कंप, लालू ने दिया मजेदार जवाब
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रांची की सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल सु्प्रीमो लालू यादव की सजा पर फैसला शुक्रवार तक के लिए टाल दिया है।

रांची की सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल सु्प्रीमो लालू यादव की सजा पर फैसला बेशक शुक्रवार तक के लिए टाल दिया हो लेकिन जज शिवपाल सिंह के एक खुलासे ने लालू समर्थकों पर सवाल खड़ा कर दिया है।

रांची स्थित सीबीआई कोर्ट के बाहर लालू समर्थकों के विशेष जमावड़े के बीच जज शिवपाल सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे आपके लिए बहुत फोन कॉल और सिफारिश मिल रही है, लेकिन आप निश्चित रहिए, मैं केवल अपने कानून का पालन करूंगा।

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जज की इस टिप्पणी से कोर्ट में मौजूद लालू के साथ ही उनके समर्थक भी सकते में आ गए। हालांकि इसके बाद जज कुछ नहीं बोले और सजा पर फैसला शुक्रवार तक के लिए टाल दिया। वहीं जज की इस टिप्पणी के बाद राजद की ओर से सफाइयों का दौर शुरू हो गया।

पार्टी के बयान में कहा गया कि उनकी तरफ से किसी ने भी जज को इस संबंध में फोन नहीं किया है। हो सकता है कुछ समर्थक अपने स्तर पर ऐसा प्रयास कर रहे हों लेकिन हम उनका समर्थन नहीं करते।

गौरतलब है कि रांची ‌‌स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह चारा घोटाले की सुनवाई कर रहे हैं। बता दें कि बीते 23 दिसंबर को लालू यादव समेत 16 आरोपियों को देवघर कोषागार से अवैध रूप से फंड निकालने के मामले में दोषी करार दिया गया था।

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कोर्ट ने सजा के लिए 3 जनवरी की तारीख मुकर्रर की ‌थी, लेकिन सजा पर फैसला नहीं हो सका। अब शुक्रवार को कोर्ट इस मामले में फैसला सुनाएगी।

कितनी सजा संभव

लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि लालू और अन्य को अधिकतम सात साल और न्यूनतम एक साल की कैद की सजा होगी। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक गबन की धारा 409 के तहत 10 साल और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।

आगे क्या होगा

लालू को अगर 3 साल से कम की सजा सुनाई जाती है तो उन्हें तुरंत जमानत मिल सकती है। इससे अधिक सजा पर वकीलों को जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख करना पड़ेगा।

क्या है पूरा मामला?

साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपए निकालने का आरोप है। इस दौरान लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपए का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है।

इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे, जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को मुकदमा दर्ज किया था। लगभग 20 साल बाद इस मामले में फैसले आया था। इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपए अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है।

जज और लालू के बीच हुए सवाल-जवाब

जज : मुझे आपके शुभचिंतकों ने दूर-दूर से फोन किया। मैं उनसे कह देता हूं कि मुझे भी नहीं पता कि केस में क्या फैसला आएगा।

लालू : सब जगदीश शर्मा ने रफा-दफा किया, मैं इस मामले में निर्दोष हूं।

जज : आपने त्वरित कार्रवाई नहीं की। मामले को लटका कर रखा। आप वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री थे। हाईकोर्ट के आदेश का पालन होता तो बात कूछ और होती।

जज : यहां कोई जात-पात नहीं होता।

लालू : अब तो इंटरकास्ट मैरिज भी होती है।

लालू : हम वकील भी हैं

जज : आप डिग्री ले लीजिए लोगों को प्रेरणा मिलेगी।

लालू : मामले की जल्द सुनवाई हो, रांची में बहुत ठंड होती है।

जज :कल क्या होगा, कल ही देखेंगे।

खास बातें

950 करोड़ के एक मामले में सुनवाई पूरी

लालू और अन्य दोषियों की सजा पर बहस

कल सुनाई जा सकती है दोषियों को सजा

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