Facebook Data Scandal: जानिए कैसे फेसबुक से चोरी डेटा का होता है गलत इस्तेमाल

अमेरिका में करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डेटा चुराकर गलत इस्तेमाल करने की सूचना मिलने के बाद से भारतीय राजनीति में बवाल मच गया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस 2019 में होने वाले चुनाव को जीतने के लिए डेटा चोरी की आरोपी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ले रही है।
दुनियाभर में डेटा चोरी को लेकर चल रही बहस के बीच सवाल उठता है कि क्या वाकई में किसी का डेटा चुराकर उसका गलत इस्तेमाल हो सकता है। तो इसका जवाब है हां।
किसी भी व्यक्ति के फेसबुक से चोरी हुए डेटा का इस्तेमाल कई तरह से हो सकता है। डेटा चोरी को लेकर एनालिटिका के CEO ने बताया था कि कंपनी फेसबुक से चुराए हुए यूजर्स के डेटा से 'साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग' करती है।
ऐसा करने से क्लाइंट के समर्थन में जानकारी प्लांट तो होती ही है साथ ही विरोधी के खिलाफ भी आसानी से गलत सूचनाएं प्लांट की जाती है।
अब बात रही चुनावों में इसके इस्तेमाल की तो इसका असर ये होता है कि इससे ज्यादातर जनमत बदल जाता है। गलत सूचनाएं पाकर लोग अपना मत बदल देते हैं। अगर भारत की बात की जाए तो यहां 20 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स हैं, जिनमें से ज्यादातर लोग 18-35 की आयु के हैं।
ये लोग राजनीतिक दलों द्वारा फैलाई गई गलत सूचना को सच मानकर अपनी राय बना लेते हैं। वहीं डेटा चोरी मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का आरोप है कि साल 2014 से भाजपा ओवलेन बिजनेस इंटेलीजेंस कंपनी की सेवाएं ले रही है।
ये वही कंपनी है और इसे भाजपा के सहयोगी JDU सांसद केसी त्यागी के बेटे चलाते हैं। साल 2009 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी इसकी सेवा ले चुके हैं।
भारत के अलावा ब्रिटिश और अमेरिकी मीडिया का भी दावा है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने अमेरिका में करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल कर डोनाल्ड ट्रम्प को जिताने में मदद की थी। इतना ही नहीं इस कंपनी द्वारा अमेरिका, ब्रिटेन, द. कोरिया समेत पांच देशों में डेटा चोरी से जुड़े मामले सामने आए हैं।
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