डोकलाम विवाद: कमांडर सम्मेलन में बनेगा आगे का प्लान, निर्मला भी होंगी शामिल

भारत और चीन की सेनाओं के बीच भूटान के डोकलाम में बीते 28 अगस्त को समाप्त हुई तनातनी के बाद आगामी सप्ताह की शुरूआत यानि 9 अक्टूबर से सेना के कमांडर सम्मेलन का आगाज हो रहा है।
इसमें चर्चा के लिए शामिल किए गए एजेंडे में सेना से जुड़े हुए कई महत्वपूर्ण विषयों के अलावा डोकलाम विवाद, उससे जुड़ी हुई सेना की रणनीति, पूर्वोत्तर में फौज की मौजूदा तैनाती और भविष्य की तैयारियों जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी।
यह जानकारी यहां शुक्रवार को सेना के महानिदेशक, स्टाफ ड्यूटीज (डीजीएसडी) लेफ्टिनेंट जनरल विजय सिंह ने दी। यहां बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच डोकलाम विवाद की शुरूआत बीते 16 जून को हुई थी।
साथ ही यह सम्मेलन ऐसे वक्त पर हो रहा है। जब डोकलाम विवाद तो खत्म हो गया है। लेकिन उससे करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर चुंबी घाटी में चीन द्वारा एक सड़क को चौड़ा करने का नया मामला सामने आ गया है।
हालांकि भारत की ओर से इसे लेकर फिलहाल कोई आपत्ति जाहिर नहीं की गई है। लेकिन उक्त स्थान के आसपास दोनों देशों की तरफ से फौज की तैनाती में इजाफा किए जाने के साफ संकेत मिल रहे हैं।
रक्षा मंत्री करेंगी उद्घाटन
9 से 15 अक्टूबर तक चलने वाले इस कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। इसके अलावा इसमें सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत, उप-सेनाप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद व सेना की देशभर में मौजूद सात कमांड़ों (6 ऑपरेशनल, 1 ट्रेनिंग कमांड) के प्रमुख, प्रिंसिपल स्टाफ अधिकारी और विभागीय महानिदेशक भी शामिल होंगे।
सम्मेलन की खास बात यह कि रक्षा मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण करने के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा जब रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सेनाप्रमुख समेत तमाम अन्य सैन्य कमांडरों को एकसाथ इतने बड़े फोरम पर सीधे संबोधित करेंगी।
इसमें सेना के वरिष्ठ अधिकारी उन्हें डोकलाम और उससे जुड़े हुए विवाद की हर बारीकी से भी रूबरू कराएंगे। गौरतलब है कि सेना के कमांडर सम्मेलन का साल में दो बार आयोजन किया जाता है। इसमें एक बार यह सम्मेलन अप्रैल महीने में और दूसरी बार अक्टूबर महीने में आयोजित किया जाता है।
दो भागों में होगा सम्मेलन
सम्मेलन दो भागों में होगा। पहला भाग 9 से 12 अक्टूबर के बीच होगा। जिसे प्लेनरी सत्र कहा जाएगा। इसमें सेनाप्रमुख व अन्य कमांडर सेना के सामने खड़े ऑपरेशनल, लॉजिस्टिकल, एडमिनिस्ट्रेटिव और ह्युमन रिर्सोस से जुड़े हुए मसलों के अलावा भावी चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे।
इस दौरान सभी सैन्य कमांडर सम्मेलन में एक-एक करके सेना से जुड़े हुए अलग-अलग विषयों और चुनौतियों को लेकर अपना पक्ष भी रखेंगे।
यह वह विषय होंगे, जिनका धरातल पर वह अपनी फॉरमेशन के स्तर पर और व्यापक तौर पर समूची सेना के स्तर पर सामना कर रहे हैं। मंत्रालय में सेना के प्रिंसिपल स्टाफ अधिकारी समसामयिक मुद्दों पर सैन्य कमांडों द्वारा उठाए गए मसलों का जवाब भी देंगे।
सेना के अधिकारी मंत्रालय के असैन्य अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। इसमें रक्षा सचिव संजय मित्रा से उनकी मुलाकात मुख्य रूप से शामिल होगी। 13 से 15 अक्टूबर तक चलने वाले सम्मेलन के दूसरे भाग में मिलिट्री सेकेट्री ब्रांच से जुड़े हुए मामलों पर चर्चा होगी।
इसमें ले़ जनरल रैंक के प्रमोशन के लिए तय किए गए स्पेशल सलेक्शन बोर्ड, नेशनल डिफेंस कॉलेज कोर्स के लिए अधिकारियों को नामित करने और एडवांस प्रोफेश्नल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।
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