2G घोटाला: 7 फरवरी से फास्टट्रैक कोर्ट में शुरू होगी सुनवाई, जानिए पूरा घटनाक्रम

दिल्ली हाई कोर्ट 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में की सुनवाई के लिए तैयार हो गया हैं। इस मामले की सुनवाई 7 फरवरी से फास्टट्रैक कोर्ट में शुरू होगी।
2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा डीएमके सांसद कनिमोझी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ अपील की गई है।
इससे पहले एक विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले साल 2 जी मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था और कहा था कि सीबीआई अदालत के समक्ष मामले को साबित करने में विफल रही है।
इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट में अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई ने एक अपील दायर की थी।
ये है पूरा घटनाक्रम-
साल 2007
मई : ए राजा को दूरसंचार मंत्री नियुक्त किया गया था।
अगस्त: दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 2 जी स्पेक्ट्रम और लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया की थी।
अक्टूबर: राजा ने घोषणा की कि भारत के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की सिफारिश पर स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं होगी। इसके बाद 46 कंपनियों से डीओटी को 575 आवेदन मिले।
साल 2008 में
जनवरी: डीओटी ने पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाइसेंस जारी करने का फैसला किया।
साल 2009 में
मई: केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अवैधता को लेकर एक गैर सरकारी संगठन टेलीकॉम वॉचडॉग से शिकायत मिली।
सीवीसी ने सीबीआई जांच का आदेश दिया।
जुलाई: दिल्ली उच्च न्यायालय ने लाइसेंस आवेदनों की कटऑफ तिथि को अवैध घोषित किया।
अक्टूबर: सीबीआई ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत डीओटी के अज्ञात अधिकारियों और अज्ञात निजी व्यक्तियों/कंपनियों के खिलाफ ऍफआईआर दायर की।
साल 2010
सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने 2जी लाइसेंस देने में 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में केंद्र और राजा को नोटिस जारी किया।
नवंबर: लोकसभा में पेश किए गए सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन से राजकोष को 1.76 ट्रिलियन रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ।
साल 2011
फरवरी: सुप्रीम कोर्ट ने 2 जी स्पेक्ट्रम संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए केंद्र को एक विशेष अदालत का गठन करने को कहा।
डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की बेटी और सांसद कनिमोझी और चार अन्य को सीबीआई द्वारा दायर दूसरी आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया।
अक्टूबर: विशेष सीबीआई अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
साल 2012
फरवरी: सुप्रीम कोर्ट ने राजा के कार्यकाल के दौरान टेलीकॉम लाइसेंस और स्पेक्ट्रम रद्द कर दिया।
साल 2014
अगस्त: ईडी ने राजा, कनिमोझी और 17 अन्य के खिलाफ विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष आरोपपत्र दायर किया।
अक्टूबर: ए राजा, कनिमोझी और अन्य के खिलाफ विशेष सीबीआई अदालत द्वारा मनी लॉंडरिंग का आरोप लगाया गया।
साल 2015
नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने कनिमोझी द्वारा उनके खिलाफ आरोपों को रद्द करने के लिए एक याचिका खारिज कर दी।
साल 2017
अप्रैल: विशेष सीबीआई अदालत ने 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में फैसले का सुरक्षित रखा।
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