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भाजपा के चौथे दलित सांसद ने PM मोदी पर लगाए गंभीर आरोप, जानिए बाकि तीनों ने क्या-क्या कहा

उत्तर प्रदेश के नगीना से बीजेपी सांसद यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी ही सरकार पर दलितों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है तब से लेकर आज तक केंद्र सरकार ने पिछले चार सालों में देशभर के 30 करोड़ दलितों के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया है।

भाजपा के चौथे दलित सांसद ने PM मोदी पर लगाए गंभीर आरोप, जानिए बाकि तीनों ने क्या-क्या कहा
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उत्तर प्रदेश के नगीना से बीजेपी सांसद यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में दलितों के उत्थान को लेकर सरकार के सुस्त रवैये को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। बीजेपी सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि दलित समुदाय से तालुक्क रखने के बावजुद मेरे योग्यता को दलित समाज के उथान के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया है।
बीजेपी सांसद ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में लिखा कि केवल दलित समुदाय और आरक्षण के चलते वह सांसद बन पाए है। बीजेपी सांसद ने अपनी ही सरकार पर दलितों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है तब से लेकर आज तक केंद्र सरकार ने पिछले चार सालों में देशभर के 30 करोड़ दलितों के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया है।
आपको बता दे कि बीजेपी के दलित नेता यशवंत सिंह ने अपनी योग्यता का हवाला देते हुए पत्र में लिखा है कि मैंने ऑल इंण्डिया मेडिकल साइंसेस से एम.डी की डिग्री ली है। इसके इलावा मैंने अमेरिका की USMLE जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा भी पास की है। बावजूद इस सब योग्यता के मुझे लगता है कि आरक्षण के कारण ही सांसद बन पाया हूं।
पीएम की लिखी चिट्ठी में सांसद ने लिखा है कि इसलिए मुझे लगता है कि आरक्षण दलित समुदाय के लिए एक जीवनदायिनी हवा की तरह है और इसके बगैर दलित समाज एंव पिछड़ा समाज का इस देश में कोई अस्तित्व नहीं रह जायेगा।
यहीं नहीं बीजेपी सांसद ने अपने पत्र में पीएम मोदी से उनकी मुलाकात का हवाला देते हुए कहा है कि मैंने आपसे हुई मुलाकात में आपसे प्रोमोशन में आरक्षण हेतु बिल पास कराने हेतु अनुरोध किया था। लेकिन पिछले 4 सालों में इस दिशा में कोई भी कार्यवाई नहीं की गई है।
यही नहीं सांसद यशवंत सिंह ने अपनी चिट्ठी में प्रधानमंत्री से सरकारी नौकरियों के इलावा प्राइवेट नौकरियों में भी आरक्षण लागू कराये जाने की मांग की है। इसके इलावा सांसद ने एससी-एएसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैंसले के खिलाफ पैरवी करके इस निर्णय को पलटवाने की सिफारिश भी की है।
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जाने बीजेपी दलित सांसदो के बारे में जिन्होंने दलित विरोधी होने के लगाए आरोप
सबसे पहले इटावा के बीजेपी सांसद अशोक दोहरे ने अपनी ही सरकार से नाराजगी जताई थी। 2 अप्रैल के भारत बंद को लेकर दलितों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने के मामले में अशोक दोहरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की है।
बीजेपी के दलित सांसद छोटेलाल खरवार ने भी इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रवैये के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपना दर्द बयान किया था। खरवार की चिट्ठी में यूपी प्रशासन द्वारा उनके घर पर जबरन कब्जा और उसे जंगल की मान्यता देने की शिकायत की गई थी।
इनके इलावा बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने अपनी ही सरकार के खिलाफ राजधानी लखनऊ स्थित कांशीराम स्मृति उपवन में 'भारतीय संविधान और आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन' किया। इस दौरान उन्होंने कहा था कि आरक्षण कोई भीख नहीं, बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला है। अगर आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया गया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी।

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