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सर्जिकल स्ट्राइक पर अब तक की सबसे बड़ी रिपोर्ट आई सामने

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने किया खुलासा।

सर्जिकल स्ट्राइक पर अब तक की सबसे बड़ी रिपोर्ट आई सामने
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नई दिल्ली. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सेना की सीमित सैन्य कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक) के सबूत सार्वजनिक करने की विपक्ष की मांग के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने खुलासा किया है कि इस कार्रवाई में आतंकवादियों के पांच लॉन्च पैडो को नष्ट करने के साथ ही इनके बेहद पास स्थित पाकिस्तानी सेना की दो चौकियों को भी नेस्तनाबूद किया गया था।
सर्जिकल स्ट्राइक का पहला विस्तृत विवरण
उरी हमले का बदले लेने के लिए की गई सेना की इस कार्रवाई का अब तक का यह पहला विस्तृत विवरण है। ऑर्गनाइजर के ताजा अंक में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सेना द्वारा निर्धारित लक्ष्य उरी की 19वीं ड़विीजन ,कुपवाड़ा की 28वीं ड़डिवीज़न और रजौरी के 25वीं डिवीज़न के अधिकार क्षेत्र में थे और एच-आवर (सेना की शब्दावली जिसका अर्थ है हमला करने का समय) था 28 सितंबर की अर्धरात्रि। रिपोर्ट के अनुसार इस कार्रवाई को अंजाम देने वाले जवानों की टीमें 28 सितंबर की दोपहर तक निर्धारित लक्ष्य उरी की 19वीं ड़विीजन ,कुपवाड़ा की 28वीं ड़विीजन और रजौरी की 25वीं ड़विीजन के तीनों तरफ से आगे बढ़ीं। एच-आवर के कुछ घंटे पहले कुपवाड़ा डिवीजन ने अभियान के ठीक विपरीत दिशा में स्थिति चौकियों पर छोटे हथियारों से गोलियां चलाईं और मोर्टार के गोले दागे। यह कवायद पाकिस्तानी सेना का ध्यान भटकाने के लिए की गई थी। समझा जाता है कि यह रिपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा समीक्षक नितिन ए.गोखले ने लिखी हैं जिन्हें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का करीबी माना जाता है।
ऐसे की LoC पार
पाकिस्तानी सेना ने जैसे ही गोलीबारी का जवाब देना शुरू किया विशेष सुरक्षा बलों की टीमें धीरे-धीरे नियंत्रण रेखा पार कर पीओके में घुसने लगीं। इसके बाद ये टीमें पीर पंजाल के दक्षिण में पुंछ सेक्टर में बेलानी और नांगी टेकरी बटालियन क्षेत्रों तथा नौगाम सेक्टर में तुतमारी गली के पास बंट गईं। तड़के दो बजे तक टीमें लक्षित ठिकानों पर पहुंच गईं इसके बाद पांच लॉन्च पैड और उनके पास स्थित पाकिस्तान सेना की दो चौकियों को ध्वस्त कर दिया गया और उसमें मौजूद सभी लोग मारे गए। हालांकि मुखपत्र में यह नहीं बताया गया है कि इस कार्रवाई में कितने आतंकवादी मारे गए।
पर्रिकर और डोभाल की निगरानी में चलाया गया अभियान
रिपोर्ट के मुताबिक पूरा अभियान पर्रिकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की निगरानी में चलाया गया और सर्जिकल स्ट्राइक करने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति की 28 सितंबर को हुई बैठक में लिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अभियान का उद्देश्य पीओके में आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करना और यह संदेश देना था कि भारत हमले का जवाब दिए बिना नहीं रहेगा। इस अभियान को तुरंत मंजूरी मिल गई। प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को अभियान पर नजर रखने और समन्वय करने की जिम्मेदारी सौंपी।
इससे पहले 18 से 25 सितंबर के बीच सुरक्षा मामलों पर भारत के शीर्ष नीति निर्धारकों के साथ बैठकें की गई जिसमें पाकिस्तान को माकूल जवाब देने के कदमों पर चर्चा की गई। सिंधु जल संधि की समीक्षा करना, दक्षेस सम्मेलन का बहिष्कार करना, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आतंकवाद को समर्थन देने वाला देश बताना, ये सभी पाकिस्तान को घोरने के लिए सोची समझी रणनीति का हिस्सा था। इन सभी कदमों के बीच पीओके में आतंकवादी शिविरों पर हमले की तैयारियां चल रही थीं। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन और देश की खुफिया एजेंसी रॉ को आतंकवादी शिविरों और लॉन्च पैड की सटीक जानकारी देने के लिए कहा गया।
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