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दुनिया के टॉप 4000 वैज्ञानिकों की सूची में अमेरिका के 2639 वैज्ञानिक, जानिए भारत के कितने वैज्ञानिकों को मिली जगह

ग्‍लोबल ऑर्गनाइजेशन क्लैरिवैट एनालिस्टिक ने दुनिया के सबसे काबिल 4000 वैज्ञानिकों की लिस्‍ट जारी की है। इस लिस्‍ट में भारत के सिर्फ इतने वैज्ञानिक ही अपना स्‍थान बना पाए हैं।

दुनिया के टॉप 4000 वैज्ञानिकों की सूची में अमेरिका के 2639 वैज्ञानिक, जानिए भारत के कितने वैज्ञानिकों को मिली जगह
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ग्‍लोबल ऑर्गनाइजेशन क्लैरिवैट एनालिस्टिक ने दुनिया के सबसे काबिल 4000 वैज्ञानिकों की लिस्‍ट जारी की है। इस लिस्‍ट में भारत के सिर्फ 10 वैज्ञानिक ही अपना स्‍थान बना पाए हैं।

पिछले साल इस सूची में भारत के महज 5 वैज्ञानिक ही अपना नाम दर्ज करवा सके थे। हालांकि इस मामले में भारत का चिर प्रतिद्वंद्वी पड़ोसी देश चीन काफी आगे निकलकर तीसरे नंबर पर आ गया है।

चीन ने 482 वैज्ञानिकों के साथ अमेरिका और ब्रिटेन के बाद तीसरा स्‍थान प्राप्‍त किया है। लिस्ट में अमेरिका के सर्वाधिक 2639 वैज्ञानिक और ब्रिटेन के 546 वैज्ञानिक इस सूची में शामिल किए गए हैं।

इस सूची में ये भारतीय वैज्ञानिक हुए शामिल-

1 सीएनआर राव

प्रसिद्ध वैज्ञानिक और पीएम की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के पूर्व प्रमुख सीएनआर राव (84) को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान 'भारत रत्‍न' सहित कई देशों की 60 यूनिवर्सिटीज से भी डॉक्‍टरेट की उपाधि से नवाजे गए हैं। उनके अभी तक 1600 रिसर्च वर्क और 51 पुस्‍तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

2 आलोक मित्‍तल

मौलाना आजाद नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी, भोपाल में कार्यरत आलोक मित्‍तल को भी इस सूची में शामिल किया गया है। 52 वर्षीय आलोक ने आईआईटी रुढ़की से पीएचडी की है। उन्‍होंने इन्वाइरनमेंटल साइंस, वाटर ट्रीटमेंट, सरफेस केमिस्‍ट्री और फिजिकल केमिस्‍ट्री में सराहनीय कार्य किया है।

3. ज्‍योति मित्‍तल

ज्योति मित्‍तल भी आलोक मित्‍तल के साथ मौलाना आजाद नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी, भोपाल में कार्यरत हैं। 48 वर्षीय ज्‍योति ने राजीव गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। उनका स्‍पेशलाइजेशन भी इन्वाइरनमेंटल साइंस, वाटर ट्रीटमेंट, सरफेस केमिस्‍ट्री और फिजिकल केमिस्‍ट्री में है।

4.अविनाश कुमार अग्रवाल

आईआईटी कानपुर के 46 वर्षीय अविनाश कुमार अग्रवाल ने आईआईटी-दिल्‍ली से पीएचडी की है। इसके साथ ही इन्‍हें विसकाॅनसिन यूनिवर्सिटी से भी डॉक्‍टरेट की उपाधि प्राप्‍त है। इनका स्‍पेशलाइजेशन इंजन कॉम्‍बस्‍टन इन्‍वेस्टिगेशन, अल्‍टरनेटिव फ्यूल, बायोडीजल डिवेलवमेंट आदि है।

5.अशोक पांडे

63 वर्षीय अशोक पांडे काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च और इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकॉलजी रिसर्च से जुड़े हुए हैं। इन्‍होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। उन्‍होंने माइक्रोबियल एन्‍जाइम टेक्‍नॉलजी, फूड एंड फर्मेटेशन टेक्‍नॉलजी और इंडस्ट्रियल टेक्‍नॉलजी के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट कार्य किया है।

6. दिनेश मोहन

जेएनयू से जुड़े 50 वर्षीय वैज्ञानिक दिनेश मोहन ने आईआईटी रुढ़की से पीएचडी की है। उन्‍होंने वाटर एंड वेस्‍ट वाटर मॉनिटरिंग के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है।

7. राजीव कुमार

इंटरनेशनल क्रॉप्‍स रिसर्च इंस्‍टीट्यूट फॉर द सेमी ऐरिड ट्रॉपिक्‍स, हैदराबाद से जुड़े राजीव को उनके उल्‍लेखनीय कार्यों के लिए शांति स्‍वरूप भटनागर प्राइज से भी नवाजा चुका है। 45 वर्षीय राजीव ने अप्‍लाइड जिनोमिक्‍स, मॉलिक्‍युलर ब्रीडिंग जैसे कठिन विषयों पर काफी शोध कार्य किया है।

8. रजनीश कुमार

आईआईटी मद्रास में काम कर रहे रजनीश कुमार को भी लिस्ट में जगह दी है। उन्‍हें गैस हाइड्रेट, कॉर्बन डाइ ऑक्‍साइड, मीथेन और हाइड्रोजन स्‍टोरेज पर कार्य के लिए यह उपलब्धि प्राप्‍त हुई है।

9.सक्थिवेल राथिनास्वामी

कोयंबटूर की भारतियार यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं। उनका स्‍पेशलाइजेशन अप्‍लायड मैथमेटिक्‍स में है।

10. संजीब साहू

इंस्‍टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, भुवनेश्‍वर में संजीब साहू फिलहाल कार्यरत हैं। उन्‍होंने दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। उन्‍होंने कैंसर के इलाज में नैनोटेक्‍नॉलजी के क्षेत्र में विशेष कार्य किया है।

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