CWC 2015: नए नियमों ने ली युवराज की बलि- धोनी

मेलबर्न.महेंद्र सिंह धोनी यदि आईसीसी विश्व कप 2011 में ट्राफी अपने हाथों में उठाने में सफल रहे तो उसका एक मुख्य कारण युवराज सिंह का 15 विकेट लेना भी था लेकिन भारतीय कप्तान का मानना है कि पिछले टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी अब बदले हुए नियमों में बहुत अधिक प्रभावशाली नहीं रहा।
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धोनी ने कहा कि क्षेत्ररक्षण की पाबंदी (30 गज के घेरे के बाहर केवल चार क्षेत्ररक्षक रखने का नियम) मुख्य कारण रहा जिससे भारत को युवराज सिंह जैसा बाएं हाथ का उपयोगी स्पिनर गंवाना पड़ा। धोनी से पूछा गया था कि क्या सुरेश रैना वह भूमिका निभा सकता है जो युवराज ने 2011 में निभाई थी, उन्होंने कहा, आपने देखा होगा कि नियमों में बदलाव के बाद युवी ने बहुत अधिक गेंदबाजी नहीं की। हम यह स्वीकार करते हैं कि नियमों में बदलाव के बाद उसकी गेंदबाजी प्रभावित हुई हालांकि टी 20 में वह नियमित गेंदबाज है।
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धोनी चार क्षेत्ररक्षकों को 30 गज के घेरे से बाहर रखने के नियम के कभी समर्थक नहीं रहे क्योंकि उनका मानना था कि उनके कई पार्ट टाइम गेंदबाज जैसे कि सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग बदली हुई परिस्थितियों में अधिक प्रभावी नहीं रहे।
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उन्होंने कहा, जब तक क्षेत्ररक्षण का यह नियम नहीं था तब तक वीरू पाजी, सचिन पाजी और युवी को गेंदबाजी सौंपी जाती थी और हम उन पर निर्भर थे लेकिन वे सभी पार्ट टाइम गेंदबाज थे और बल्लेबाजी के लिये अनुकूल विकेट पर उनके लिए गेंदबाजी करना मुश्किल होता।
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