बिहार चुनाव: सुशील मोदी को भारी पड़ा वोटरों से झूठे वादे करना, FIR दर्ज

बिहार चुनाव: सुशील मोदी को भारी पड़ा वोटरों से झूठे वादे करना, FIR दर्ज
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सुशील मोदी ने संवाददाताओं से बात करते हुए प्राथमिकी दर्ज किए जाने का विरोध किया।
पटना. 'वादा करके भूल न जाना' ये कहावत तो बहुत पुरानी हो गई है। लेकिन बिहार के चुनावी मौसम में अक्सर नेताओं को ऐसा करने की आदत हो जाती है। लेकिन इसके लिए बात का यहां तक पहुंच जाना कि एफआईआर हो जाए, नेताओं के वायदों पर विश्वास करने पर असमंजस में डाल देता है। ऐसा ही कुछ बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के साथ हुआ है।
दरअसल सुशील मोदी ने एक रैली में मतदाताओं को लैपटॉप, रंगीन टेलीविजन और धोती-साड़ी देने का ‘वायदा’ किया था। लेकिन उसे पूरी नहीं किया जिसके चलते उनपर धोखाधड़ी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
वहीं दूसरी ओर पार्टी नेता ने प्राथमिकी दर्ज किए जाने का विरोध किया और निर्वाचन आयोग से मामले को देखने को कहा। कैमूर जिले की पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने बताया कि मतदाताओं को रंगीन टेलीविजन, लैपटॉप और धोती-साड़ी देने का वायदा करने के आरोप में सुशील मोदी के खिलाफ भबुआ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इस बीच, सुशील मोदी ने पटना में संवाददाताओं से बात करते हुए प्राथमिकी दर्ज किए जाने का विरोध किया और निर्वाचन आयोग से मामले को देखने को कहा। उन्होंने कहा, ‘मैंने बिहार में हमारी सरकार बनने पर 50 हजार लड़के-लड़कियों को लैपटॉप, रंगीन टीवी और धोती-साड़ी उपलब्ध कराने का वायदा किया था। इसका मतलब लोगों के लिए पार्टी के विजन के बारे में बताना था और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘हर पार्टी बताती है कि वह चुनाव के बाद क्या करने का इरादा रखती है। इसलिए इसमें गलत क्या है?’
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