नहीं सुलझेगी नेताजी की गुत्थी, सोवियत जासूस एजेंसी KGB के पास नहीं है कोई सबूत

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है कि 70 साल पहले विमान दुर्घटना में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कथित मौत के बारे में किसी सूचना के लिए पूर्ववर्ती सोवियत जासूसी एजेंसी केजीबी के गोपनीय अभिलेखागार से रिकॉर्ड खोजे गए थे। राजग सरकार नेताजी से जुड़ी फाइलों के खुलासे का बार-बार वादा कर चुकी है फिर भी उनके बारे में केजीबी के रिकॉर्ड खोजे जाने के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया गया।
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विदेश मंत्रालय ने अपने तत्कालीन संयुक्त सचिव (पूर्वी यूरोप) आर एल नारायण के 19 साल पुराने प्रस्ताव पर कार्रवाई के बारे में कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। नारायण ने सुझाव दिया था कि रूसी प्राधिकारियों से केजीबी के अभिलेखागार में खोज करने और भारत को यह बताने का आग्रह किया जाए कि क्या सोवियत संघ में नेताजी के प्रवास का कोई प्रमाण है। नारायण ने 12 जनवरी 1996 को यह नोट लिखा था जिसे विदेश मंत्रालय के सचिव के पास भेजा गया।
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तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस पर एक नोट लिखते हुए सचिव और नारायण से 14 जनवरी 1996 को प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा करने के लिए कहा था। मंत्रालय ने पहले कहा कि प्रभाग विशेष में सूचना उपलब्ध नहीं है। बाद में इसी सवाल के साथ दोबारा आरटीआई आवेदन देने पर मंत्रालय ने कहा कि आरटीआई कानून 2005 की धारा आठ (1) (ए) के तहत इस विषय पर सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता।
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