1964 तक जीवित थे नेताजी सुभाष चंद्र! अब उठेगा हर राज से पर्दा

1964 तक जीवित थे नेताजी सुभाष चंद्र! अब उठेगा हर राज से पर्दा
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इन फाइलों में कुल 12,744 पन्न हैं।
कोलकाता. पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने शुक्रवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुडी 64 फाइलों को आमलोगों के लिए सार्वजनिक कर दिया।
इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने नेताजी से संबंधित 64 फाइल की सीडी का उनके परिजनों और जनता के बीच वितरण करवाया। इन सीडी में वे फाइलें डिजीटल रूप में हैं।

इनमें से कुछ फाइलों पर कॉनफिडेंशियल यानी गोपनीय शब्द लिखा हुआ है। इन फाइलों में कुल 12,744 पन्न हैं, जिनसे नेताजी के जिंदगी, उनके आंदोलन व संघर्ष के बारे में कई अहम राज धीरे-धीरे सामने आयेंगे।
नेताजी के परपोते चंद्र बोस ने ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले पर खुशी जतायी और कहा कि अब हम लोगों नेताजी की जिंदगी से जुडे कई राज को जान सकेंगे। इस मौके पर नेताजी के परिजनों ने उन फाइलों का अवलोकन किया। चंद्र बोस ने कहा कि हम यह भी जान सकेंगे कि आखिर आइबी के 16 लोग क्यों उनकी हर वक्त जासूसी करते थे।
इन फाइलों को कोलकाता म्यूजियम में रखा गया है। फाइल जारी करने के बाद कोलकाता के पुलिस कमिश्नर सुरजीत कर पुराकायस्थ ने कहा कि इन फाइलों को ऑफिसियल फॉर्म में रखा गया है।
इन राजों से उठेगा पर्दा
नेताजी क्या 1964 तक जीवित थे? सूत्रों के मुताबिक, इन फायलों के सार्वजनिक होने पर इस रहस्य से पर्दा उठ सकता है। 60 के दशक के शुरू में तैयारी की गई अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, हो सकता है कि फरवरी 1964 में नेताजी भारत लौट आए हों। यह 19 साल बाद का घटनाक्रम है, जब नेताजी को ताईवान में हुए विमान दुर्घटना में मृत मान लिया गया था।
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