पश्चिम बंगाल में हिंसा: शिव मंदिर में तोड़फोड़ का आरोप, दक्षिण 24 परगना के रवींद्रनगर में भारी पुलिस बल तैनात

West Bengal Violence 2025, महेशतला शिव मंदिर विवाद, रवींद्रनगर हिंसा, पश्चिम बंगाल सांप्रदायिक झड़प
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पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के रवींद्रनगर में झड़प।  

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के रवींद्रनगर में पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़प के बाद तनाव। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने हिंदू परिवारों पर हमले का आरोप लगाया और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की।

Maheshtala Shiv Temple Dispute : पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना ज़िले के बुधवार को हुई हिंसा के बाद भारी पुलिस बल तैनात है। भाजपा नेताओं ने रवींद्रनगर स्थित शिव मंदिर में तोड़फोड़ का आरोप लगाया है। कहा, इसी घटना के बाद इलाके में पुलिस व उपद्रवियों के बीच झड़प हुई। गुरुवार (12 जून) सुबह से भारी पुलिस बल तैनात है। क्षेत्र में तनाव के चलते बाहरी लोगों की एंट्री प्रतिबंधित है।

क्या है विवाद महेशतला शिवमंदिर विवाद?
भाजपा नेताओं ने बताया कि दक्षिण 24 परगना ज़िले में रवींद्रनगर पुलिस स्टेशन के पास स्थित महेशतला वार्ड नंबर 7 में एक शिव मंदिर में तोड़फोड़ की गई। इस घटना को लेकर स्थानीय हिंदू दुकानदारों और परिवारों ने विरोध दर्ज कराया है। पुलिस-प्रशासन ने घटना को लेकर अब तक आधिकारिक बयान नहीं दिया।

सुवेंदु अधिकारी ने मांगी अनुमति

  • पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट लिखकर कहा, मैं महेशतला जाकर पीड़ित हिंदू परिवारों से मिलना चाहता हूं। इसके लिए डायमंड हार्बर के एसपी और डीजीपी को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है।
  • सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि टीएमसी आतंकवाद को समर्थन दे रही है। वह बंगाल को चरमपंथियों की घाटी में तब्दील करने में जुटी है। मैं जिहादियों के हमले में प्रभावित परिवारों की शिकायतें सुनना चाहता हूं। उनके साथ एकजुटता व्यक्त करना चाहता हूं।


बंगाल में पहले भी हुईं ऐसी घटनाएं
पश्चिम बंगाल में पिछले दिनों वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम के खिलाफ कई जगह विरोध-प्रदर्शन हुए थे। पिछले कुछ दिनों शांति थी, लेकिन बुधवार को अचानक महौल बिगड़ा और दो पक्ष आमने सामने आ गए। फिलहाल, इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

भारतीय सेना की सराहना
पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को भारतीय सेना की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की सराहना करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा भी की गई, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।

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