VB-G RAM G बिल लोकसभा में पास: विपक्ष का हंगामा, शिवराज बोले- चुनावी फायदे के लिए कांग्रेस ने नरेगा में जोड़ा गांधी नाम

लोकसभा में आठ घंटे की बहस के बाद VB-G RAM G बिल 2025 पारित हुआ। शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया।
लोकसभा में ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025’ यानी VB-G RAM G बिल पर जबरदस्त सियासी टकराव देखने को मिला। कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल पर सरकार का पक्ष मजबूती से रखा, जबकि विपक्ष ने इसे MGNREGA से महात्मा गांधी का नाम हटाने की कोशिश बताते हुए जोरदार विरोध किया।
चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाजी की, वेल में पहुंचकर प्रदर्शन किया और बिल की प्रतियां फाड़कर फेंक दीं। विपक्ष का आरोप था कि सरकार गांधीजी के नाम और उनके आदर्शों का अपमान कर रही है।
शिवराज सिंह चौहान का जवाब
सदन में जवाब देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शुरुआत में यह योजना NREGA के नाम से थी और उसमें महात्मा गांधी का नाम शामिल नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के तहत गांधीजी का नाम जोड़ा।
नरेगा का नाम पहले महात्मा गांधी जी के नाम पर नहीं रखा गया था, वह तो नरेगा थी। बाद में जब 2009 के चुनाव आए तो चुनाव और वोट के कारण बापू याद आए, महात्मा गांधी याद आए और तब उस पर महात्मा गांधी जी का नाम जोड़ा गया।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 18, 2025
मनरेगा को भी अगर ताकत के साथ किसी ने ठीक ढंग से लागू किया, तो वह… pic.twitter.com/Bx4goiFwgi
मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने MGNREGA को कमजोर नहीं, बल्कि और मजबूत किया, और ग्रामीण भारत के लिए कई ऐतिहासिक योजनाएं लागू कीं। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन और आयुष्मान भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं से पक्के घर, गैस कनेक्शन, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाएं देकर गांधीजी के विचारों को ज़मीन पर उतारा गया है।
आठ घंटे की बहस के बाद बिल पास
करीब आठ घंटे तक चली लंबी बहस के बाद यह बिल ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद भी विपक्षी सांसदों ने हंगामा जारी रखा, वेल में आकर नारे लगाए और कागज स्पीकर की कुर्सी की ओर फेंके। स्थिति को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
#WATCH | Delhi: Opposition MPs carry out a protest march on the Parliament premises against the Centre's decision on renaming of MGNREGA to VB–G Ram G. pic.twitter.com/V6T4LJuWUz
— ANI (@ANI) December 18, 2025
संसद परिसर में भी प्रदर्शन
बिल के विरोध में विपक्ष ने संसद परिसर में मार्च निकाला, जिसमें 50 से अधिक सांसद शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे गांधीजी का अपमान और ग्रामीण भारत में काम के अधिकार पर हमला बताया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मकर द्वार पर हुए प्रदर्शन में शामिल हुईं।
वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर योजनाओं के नाम मनमाने ढंग से बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बिल MGNREGA को कमजोर करेगा।
नए बिल में क्या है खास?
नए कानून के तहत हर ग्रामीण परिवार को साल में 125 दिनों के मजदूरी रोजगार की कानूनी गारंटी दी जाएगी, जो मौजूदा MGNREGA की 100 दिनों की गारंटी से अधिक है। वयस्क सदस्य स्वेच्छा से अकुशल शारीरिक कार्य के लिए आवेदन कर सकेंगे।
राज्यों को कानून लागू होने के छह महीनों के भीतर अपनी योजनाओं को नए प्रावधानों के अनुरूप ढालना होगा। सरकार का दावा है कि यह बिल ‘विकसित भारत 2047’ के विजन से जुड़ा है और जल सुरक्षा, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर और आजीविका से जुड़े कार्यों पर विशेष ध्यान देगा।
विपक्ष की आपत्ति
विपक्ष का कहना है कि यह नया कानून केंद्र का नियंत्रण बढ़ाएगा, राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालेगा और मौजूदा रोजगार गारंटी व्यवस्था को कमजोर कर सकता है।
