Political Appointment: उज्ज्वल निकम-हर्षवर्धन श्रृंगला समेत 4 हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत 4 लोग जाएंगे राज्यसभा, जानें प्रोफाइल
Rajya Sabha Nominated Member 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार (12 जुलाई 2025) को चर्चित वकील उज्ज्वल देवराव निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला समेत 4 लोगों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इन चारों हस्तियाँ ने अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए चर्चित हैं। राष्ट्रपति ने यह नियुक्तियां संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) और खंड (3) के तहत की हैं।
The President of India has nominated Ujjwal Deorao Nikam, a renowned public prosecutor known for handling high-profile criminal cases; C. Sadanandan Maste, a veteran social worker and educationist from Kerala; Harsh Vardhan Shringla, former Foreign Secretary of India; and… pic.twitter.com/eN6ga5CsPw
— ANI (@ANI) July 13, 2025
कौन हैं उज्ज्वल देवराव निकम?
उज्ज्वल देवराव निकम मुंबई के प्रसिद्ध वकील हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य से बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया, लेकिन कांग्रेस की वर्ष गायकवाड़ से हार गए। उज्ज्वल निकम ने 1993 के मुंबई ब्लास्ट, अजमल कसाब केस और कोल्हापुर गैंगरेप जैसे चर्चित मामलों की पैरवी कर पीड़ियों को न्याय दिलाया है। राज्यसभा के लिए उनका चयन न्यायिक क्षेत्र में विशेष अनुभव को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
सी. सदानंदन मास्टे की प्रोफाइल
सी. सदानंदन मास्टे केरल के शिक्षाविद और समाजसेवी हैं। एजुकेशन और रूलर डेलवपमेंट के क्षेत्र में उन्होंने उल्लेखनीय काम किया है। दक्षिण भारत के समाज सुधार आंदोलनों में भी उन्होंने सक्रिय भागीदार निभाई है।
हर्षवर्धन श्रृंगला विदेश सचिव रहे
हर्षवर्धन श्रृंगला सेवानिवृत्त IFS हैं। विदेश सचिव रहते उन्होंने भारत के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उनके कूटनीतिक समझ की आज भी तारीफ होती है। हर्षवर्धन श्रृंगला अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में भारत के राजदूत रहे। G20 में भी अहम जिम्मेदारी संभाली है। उनकी वैश्विक समझ का लाभ एक बार फिर सरकार को मिलेगा।
कौन हैं डॉ. मीनाक्षी जैन?
- डॉ. मीनाक्षी जैन (Dr. Meenakshi Jain) भारत की जानी-मानी इतिहासकार और शिक्षाविद् हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के गार्गी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर रहीं मीनाक्षी जैन ने भारतीय इतिहास और संस्कृति पर गहन शोध किया है। 2020 में ऐतिहासिक शोध और लेखन के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
- डॉ. मीनाक्षी जैन ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी में फेलो और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) की शासी परिषद सदस्य के तौर पर भी काम किया है। फिलहाल, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) की सीनियर फेलो हैं।
उज्ज्वल निकम क्या बोले-
राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर उज्ज्वल निकम ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार जताया। कहा, मेरे लिए गर्व का क्षण है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति मुझे राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत करेंगी। कल प्रधानमंत्री मोदी का फ़ोन आया। उन्होंने पूछा, हिंदी में बात करनी चाहिए या मराठी में। हम दोनों हँसने लगे। फिर मराठी में बताया कि राष्ट्रपति मुझे ज़िम्मेदारी देना चाहती हैं। मैं राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करूँगा।
#WATCH | Mumbai: On being nominated to the Rajya Sabha, Special Public Prosecutor Ujjwal Nikam says, "Its a proud moment for me. I never thought or expected to be nominated as a member of the Rajya Sabha by the President of India. Yesterday I received a phone call from PM… pic.twitter.com/QG1axTI5v2
— ANI (@ANI) July 13, 2025
FAQs
Q: राज्यसभा में कुल कितने सदस्य होते हैं?
A.राज्यसभा में कुल 250 सदस्य हो सकते हैं। 238 मेम्बर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निर्वाचित होते हैं। जबकि, 12 मेम्बर राष्ट्रपति द्वारा नामांकित (मनोनीत) किए जाते हैं। वर्तमान में राज्यसभा में 245 सदस्य हैं।
Q: राष्ट्रपति राज्यसभा में किन्हें नामांकित कर सकते हैं?
A.भारतीय संविधन अनुच्छेद 80(1)(a) और 80(3) के तहत राष्ट्रपति को अधिकार देता है कि वह साहित्य, विज्ञान, कला, सामाजिक सेवा और सार्वजनिक जीवन में विशेष योग्यता रखने वाले 12 व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए नामांकित कर सकती हैं।
Q: क्या मनोनीत सदस्य भी राज्यसभा में मतदान कर सकते हैं?
A.हाँ, मनोनीत सदस्य भी राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं। अधिकांश मुद्दों पर वह मतदान भी करते हैं। हालाँकि, राष्ट्रपति चुनाव में इन्हें मतदान का अधिकार नहीं है।
Q: राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?
A.राज्यसभा का कार्यकाल स्थायी होता है। यह कभी भंग नहीं होती। सदस्यों का कार्यकाल 6 सालों का है। हर दो वर्ष में एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।
Q:क्या मनोनीत सदस्य मंत्री बन सकते हैं?
A. भारतीय संविधान के अनुसार, कोई भी सदस्य (निर्वाचित हो या फिर मनोनीत) मंत्री बन सकता है। कई बार गैर संसद सदस्य भी मंत्री बना दिए जाते हैं, लेकिन छह माह के अंदर उन्हें संसद सदस्य बनना होता है।
Q: मनोनीत सदस्यों के उदाहरण कौन-कौन हैं?
A.उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला, मीनाक्षी जैन, सी. सदानंदन मास्टे से पहले लता मंगेशकर (गायिका), एमएस स्वामीनाथन (कृषि वैज्ञानिक), रुसी मोदी (उद्योगपति) जैसी हस्तियों को भी राज्यसभा मनोनीत किया गया है।
Q: क्या राज्यसभा में मनोनीत सदस्य राजनीतिक दलों से जुड़ सकते हैं?
A. हाँ, नामांकन के बाद मनोनीत सदस्य किसी राजनीतिक दल से जुड़ सकते हैं। लेकिन यदि वे पहले से किसी दल से नहीं जुड़े तो उन्हें स्वतंत्र सदस्य माना जाता है।
Q: राज्यसभा में मनोनयन का उद्देश्य क्या है?
A. राज्यसभा में सदस्यों के मनोनयन का उद्देश्य विषय विशेषज्ञों और बुद्धिजीवियों को प्रतिनिधित्व देना है। ताकि, नीति-निर्माण में उनकी गहराई, अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ मिल सके।
