बिहार के जमुई में भीषण रेल हादसा: नदी में गिरे मालगाड़ी के डिब्बे, दिल्ली-हावड़ा रूट पूरी तरह ठप

नदी में गिरे मालगाड़ी के डिब्बे, दिल्ली-हावड़ा रूट पूरी तरह ठप
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रेलवे प्रशासन ने सूचना मिलते ही बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया है।

बिहार के जमुई में जसीडीह-झाझा रेलखंड पर सीमेंट से लदी मालगाड़ी के 12 से अधिक डिब्बे बेपटरी हो गए, जिनमें से 3 डिब्बे बरुआ नदी में जा गिरे।

जमुई : बिहार के जमुई जिले में रविवार की तड़के एक बड़ा रेल हादसा हो गया, जिससे दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार थम गई है। जसीडीह-झाझा रेलखंड के बीच टेलवा बाजार हॉल्ट के पास सीमेंट से लदी एक मालगाड़ी बेपटरी हो गई।

इस हादसे में मालगाड़ी के 12 से ज्यादा डिब्बे पटरी से उतर गए, जिनमें से 3 डिब्बे पुल को तोड़ते हुए सीधे बरुआ नदी में जा गिरे। घटना के बाद से ही इस रूट पर अप और डाउन दोनों लाइनों पर परिचालन बाधित है, जिससे हजारों यात्री बीच रास्ते में फंसे हुए हैं।

पुल के पास बेपटरी हुई मालगाड़ी और मची चीख-पुकार

यह हादसा शनिवार और रविवार की दरमियानी रात करीब 12:30 बजे के आसपास हुआ। सीमेंट की बोरियों से लदी मालगाड़ी जब जसीडीह से झाझा की ओर जा रही थी, तभी बरुआ नदी के पास अचानक तेज धमाके के साथ ट्रेन के पहिये पटरी से उतर गए।

रात के सन्नाटे में हुई इस दुर्घटना की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के ग्रामीण सहम गए। मौके पर पहुंचने पर देखा गया कि मालगाड़ी की बोगियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ी हुई थीं और कुछ डिब्बे नीचे नदी के पानी में समा चुके थे।

रेलवे ट्रैक और ओएचई लाइन को पहुंचा भारी नुकसान

हादसे की वजह से रेलवे की बुनियादी संरचना को व्यापक क्षति हुई है। मालगाड़ी के बेपटरी होने से लगभग 500 मीटर तक रेल की पटरियां उखड़ गई हैं और कंक्रीट के स्लीपर चकनाचूर हो गए हैं।

इसके अलावा, ऊपर से गुजरने वाली हाई वोल्टेज बिजली की तारें और खंभे भी टूटकर गिर गए हैं। गनीमत यह रही कि यह एक मालगाड़ी थी और घटना के वक्त कोई यात्री ट्रेन बगल से नहीं गुजर रही थी, वरना जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता था।

दर्जनों ट्रेनें प्रभावित और यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें

हादसे के बाद दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन पूरी तरह ठप हो गई है। झाझा, किउल, जसीडीह और आसनसोल जैसे प्रमुख स्टेशनों पर कई एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों को रोकना पड़ा है।

हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी, पूर्वा एक्सप्रेस और विभूति एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों के रूट बदले गए हैं या उन्हें रिशेड्यूल किया गया है। भीषण ठंड के बीच घंटों ट्रेनें खड़ी रहने के कारण यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्टेशन पर समय काटना मुश्किल हो गया है।

राहत कार्य जारी और हादसे के कारणों की उच्च स्तरीय जांच

रेलवे प्रशासन ने सूचना मिलते ही बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया है। आसनसोल और दानापुर रेल मंडल से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन और भारी भरकम क्रेनें मौके पर पहुंच चुकी हैं।

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहकर ट्रैक की मरम्मत की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारियों का अनुमान है कि ट्रैक को पूरी तरह साफ करने और परिचालन बहाल करने में 15 से 20 घंटे का समय लग सकता है।

वहीं, रेलवे बोर्ड ने हादसे की गंभीरता को देखते हुए तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं ताकि पता चल सके कि हादसा पटरी में दरार की वजह से हुआ या मालगाड़ी में किसी खराबी के कारण।

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