पूर्वोत्तर में मानसून बना आफत: भारी बारिश से असम, सिक्किम, मणिपुर और अरुणाचल में तबाही; बेघर हुए लाखों लोग, 36 की मौत

Northeast India floods 2025
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Northeast India floods 2025

पूर्वोत्तर भारत में मानसून की भारी बारिश से असम, सिक्किम, मणिपुर और अरुणाचल में बाढ़ और भूस्खलन का कहर। अब तक 36 लोगों की मौत, लाखों प्रभावित, सेना और वायुसेना द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी।

Northeast India floods 2025 : भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले 5 दिन से भारी बारिश का दौर जारी है। बाढ़ और भूस्खलन से 36 लोगों की मौत हो चुकी है। सिक्किम में 3 सैनिक भी शहीद हुए हैं। कई बस्तियां तबाह हो गईं। हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। 1500 से अधिक पर्यटक भी दूरस्थ जंगलों में फंसे हैं।

मणिपुर के इंफाल पूर्व स्थित थंबलखोंग में बाढ़ से हालात बेकाबू हैं। इंफाल के कई इलाके भारी बारिश के बाद बाढ़ में डूब गए हैं। मणिपुर अग्निशमन सेवा, असम राइफल्स, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें यहां फंसे निवासियों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जा रही हैं।

पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून ने 29 मई को दस्तक दी थी, लेकिन अब तक यहीं अटका हुआ है। पिछले 5 दिन से हो रही तेज बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। असम, सिक्किम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में हालात चिंताजनक हैं। अन्य राज्यों में भी आंधी-तूफान और बारिश से भारी नुकसान हुआ है।

असम: बाढ़ में डूबे 1254 गांव, 5.35 लाख लोग प्रभावित
असम के 22 जिलों में हालात गंभीर हैं। 15 नदियां उफान पर हैं। 5.35 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। 11 की मौत हो गई। 165 राहत शिविरों में 31 हजार 212 लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ और भूस्खलन के चलते सड़क, रेल और बोट सेवाएं बाधित हैं।

सिक्किम में 1678 पर्यटक रेस्क्यू, 100 अब भी फंसे
उत्तरी सिक्किम के लाचेन और चुंगथांग कस्बों में भारी बारिश से लैंडस्लाइड की घटनाएं हो रही हैं। रेस्क्यू टीमों ने 1678 पर्यटकों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया, लेकिन 100 से अधिक पर्यटक अब भी दुर्गम क्षेत्रों में फंसे हैं। प्रशासन ने मंगन जिले में बाढ़ को आपदा घोषित किया है। 31 मई की शाम छातेन स्थित सैन्य शिविर भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिससे 3 सैनिक शहीद हो गए और 6 लोग लापता हो गए।

मणिपुर में 47 घटनाएं, 19,811 लोग प्रभावित
मणिपुर में पिछले चार दिन के अंदर लैंडस्लाइड की 47 घटनाएं हुई हैं, जबकि, 19,811 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 3,365 घरों को नुकसान पहुंचा है। 31 राहत शिविर खोले गए हैं। इनमें से ज़्यादातर पूर्वी मणिपुर में स्थित हैं।

त्रिपुरा: 66 राहत शिविरों में 10,800 लोग
त्रिपुरा में बाढ़ के हालात में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। 66 राहत शिविरों में 10,800 से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। 50 राहत शिविर सिर्फ पश्चिमी त्रिपुरा में हैं। यहां 219 घर अब तक प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग ने 5 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

अरुणाचल प्रदेश: वायुसेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
अरुणाचल की निचली दिबांग घाटी में वायुसेना ने MI-17 हेलिकॉप्टरों की मदद से 14 लोगों को बोमजीर नदी से सुरक्षित निकाला। असम और अरुणाचल दोनों राज्यों में एयरफोर्स के रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं।

आगे भी तेज बारिश और लैंडस्लाइड की चेतावनी
पूर्वोत्तर भारत इस समय प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। मानसून की शुरुआती दस्तक ही बाढ़, भूस्खलन और जनहानि का कारण बन गई है। मौसम विभाग ने आगे भी तेज बारिश और लैंडस्लाइड की आशंका जताई है। राज्य सरकारों और सेना के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन स्थिति अब भी नियंत्रण से बाहर बनी हुई है।

MP-बिहार और राजस्थान में आंधी-बारिश का कहर
बिहार के सीवान जिले में सोमवार को आंधी-बारिश ने जमकर तबहाी मचाई है। दीवार और पेड़ गिरने से 7 लोगों की मौत। मृतकों में 2 महिलाएं भी शामिल हैं। वहीं राजस्थान के जयपुर में दीवार गिरने से 1 महिला की मौत हो गई। मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के 38 जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जानी यथास्थिति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग और मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला से क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ के कारण पैदा हुए हालात के बारे में बात की। उन्होंने संकट से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद और समर्थन का आश्वासन दिया

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