South India Stampede History: दक्षिण भारत में क्यों बार-बार मचती है भगदड़? जानिए बड़ी घटनाएं

तमिलनाडु के करूर जिले में एक्टर विजय की रैली के दौरान मची भगदड़
South India Stampede History: साउथ इंडिया में भगदड़ की घटनाएं कई दशकों से चिंता का कारण रही हैं। मंदिरों में होने वाले धार्मिक उत्सव, राजनीतिक रैलियां और राहत वितरण जैसे मौकों पर लाखों लोग इकट्ठा होते हैं। भीड़ प्रबंधन की कमी और अचानक मची अफरा-तफरी ने कई बार भयावह रूप लिया। हाल के वर्षों में ऐसी घटनाएं कई बार देखने को मिली हैं, जहां अचानक भीड़ बढ़ने से लोगों को संभालना मुश्किल हो गया। आइए जानते हैं दक्षिण भारत में कब-कब बड़े आयोजनों में भगदड़ जैसे हालात बने।
सबरीमाला (1999, 2011) की त्रासदी, चेन्नई (2005) की घटनाएं, कोच्चि यूनिवर्सिटी (2023), तिरुपति (2025) और करूर रैली (2025) इसका बड़ा उदाहरण हैं। यह आर्काइव स्टोरी 1950 से 2025 तक साउथ इंडिया की प्रमुख भगदड़ घटनाओं और उनसे मिली सीख को बताती है।
सबरीमाला भगदड़ 1999 (केरल)
14 जनवरी 1999 को सबरीमला मंदिर में “मकर ज्योति” दर्शन के दौरान भारी भीड़ उमड़ी। पहाड़ी ढलान पर दबाव बढ़ने से भगदड़ हुई और 50 से ज्यादा श्रद्धालु मारे गए।

चेन्नई राहत वितरण भगदड़ 2005 (तमिलनाडु)
नवंबर और दिसंबर 2005 में चेन्नई में बाढ़ राहत वितरण के दौरान हजारों लोग एक साथ उमड़ पड़े। भीड़ नियंत्रण कमजोर होने के कारण भगदड़ हुई, जिसमें दर्जनों लोगों की जान गई।

सबरीमला पुलमेडु भगदड़ 2011 (केरल)
14 जनवरी 2011 को सबरीमला से लौटते श्रद्धालु पुलमेडु मार्ग पर फंसे। संकरी पगडंडी और भीड़ की धक्का-मुक्की ने इस हादसे को और भयावह बना दिया। इसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।

कोच्चि यूनिवर्सिटी भगदड़ 2023 (केरल)
नवंबर 2023 में कोच्चि यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कॉन्सर्ट के दौरान अचानक बारिश हुई। सुरक्षित जगह पर भागती भीड़ सीढ़ियों पर फिसल गई और भगदड़ मच गई। इसमें 4 छात्रों की मौत और 60 से ज्यादा घायल हुए।

तिरुपति भगदड़ 2025 (आंध्र प्रदेश)
8 जनवरी 2025 को तिरुमाला तिरुपति मंदिर में फ्री पास वितरण के दौरान श्रद्धालु काउंटर की ओर दौड़े। धक्का-मुक्की से भगदड़ मच गई, जिसमें 6 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए।

करूर रैली भगदड़ 2025 (तमिलनाडु)
27 सितंबर 2025 को करूर में अभिनेता से नेता बने विजय की राजनीतिक रैली में हजारों लोग मंच की ओर दौड़े। भीड़ नियंत्रण न होने से भगदड़ हुई और 39 लोगों की मौत हो गई।

पुष्पा 2 स्क्रीनिंग 2024 (हैदराबाद, तेलंगाना)
दिसंबर 2024 में संध्या थिएटर में 'पुष्पा 2: द रूल' प्रीमियर के दौरान अचानक अल्लू अर्जुन के पहुंचने से भीड़ उमड़ गई। 39 वर्षीय महिला रेवती की मौत, 9 वर्षीय बेटे को गंभीर चोटें। पुलिस ने अभिनेता, उनकी सिक्योरिटी टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।

आरसीबी आईपीएल जीत जश्न 2025 (बेंगलुरु, कर्नाटक)
जून 2025 में एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर विजयी जश्न के दौरान भगदड़। 11 मौतें, 56 घायल।

पैटर्न और सीख
सबसे घातक भगदड़ें धार्मिक आयोजनों से जुड़ी रहीं (सबरीमला 1999, 2011)।
राहत वितरण (चेन्नई 2005) और राजनीतिक रैली (करूर 2025) ने दिखाया कि गैर-धार्मिक आयोजनों में भी खतरा उतना ही बड़ा है।
हर हादसे के बाद जांच और सिफारिशें तो की गईं, लेकिन भीड़ प्रबंधन पर ठोस अमल कम हुआ।
