Sonam Wangchuk Arrest: पत्नी गीतांजलि अंगमो ने NSA पर उठाए सवाल, सुप्रीम कोर्ट में दायर की हेबियस कार्पस याचिका

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Sonam Wangchuk Arrest news

लद्दाख के एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की NSA के तहत गिरफ्तारी को पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने हेबियस कार्पस याचिका दायर कर तत्काल रिहाई की मांग की है।

Sonam Wangchuk Arrest news: लद्दाख के पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उनकी पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कार्पस याचिका दायर कर इसे गैरकानूनी बताया है।

अंगमो ने याचिका में कहा है कि गिरफ्तारी को एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन अब तक न तो पति की सेहत की कोई खबर है और न ही डिटेंशन ऑर्डर की कॉपी मिली। उन्होंने NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत गिरफ्तारी पर गंभीर सवाल उठाते हुए तत्काल रिहाई की मांग की है।

क्यों हुई गिरफ्तारी?

24 सितंबर को लेह में हिंसा हुई थी जिसमें 4 लोगों की मौत हुई। पुलिस ने वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और 26 सितंबर को उन्हें NSA के तहत गिरफ्तार कर लिया। वर्तमान में उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया है।

गीतांजलि अंगमो का आरोप

गीतांजलि ने कहा कि आज, शुक्रवार को एक हफ्ता हो गया, लेकिन सोनम की हालत या गिरफ्तारी की वजह की जानकारी नहीं मिली। उन्होंने NSA लगाने के फैसले को भी नियमों का उल्लंघन बताया है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गृहमंत्री अमित शाह को भी चिट्ठी लिखी है।

हेबियस कार्पस क्या है?

'हेबियस कार्पस' का अर्थ है "शरीर को पेश करो"। अगर किसी को बिना वजह हिरासत में लिया गया हो तो सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट पुलिस को आदेश देकर आरोपी को पेश करने को कह सकती है। यह संविधान के अनुच्छेद 32 और 226 के तहत गारंटीड मौलिक अधिकार है।

लेह में हालात सामान्य होने लगे

बाटे दें कि 9 दिन बाद कर्फ्यू में ढील दी गई। दुकानें सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुल रही हैं। कक्षा 8 तक के स्कूल फिर से खोले दिए गए हैं। जेल में बंद 56 आंदोलनकारियों में से 26 को रिहा कर दिया गया है, जबकि 30 अब भी जेल में हैं।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। समर्थक इसे "राजनीतिक साजिश" बता रहे हैं, जबकि प्रशासन इसे "हिंसा भड़काने" से जोड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई 6 अक्टूबर (दशहरा छुट्टी के बाद) होने की संभावना है।

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