Shubhanshu Shukla: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ऐतिहासिक AX-4 मिशन के बाद भारत लौटे

Shubhanshu Shukla Space Mission
Shubhanshu Shukla Space Mission: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला रविवार (17 अगस्त 2025) को अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के बाद भारत लौटे। उन्होंने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर करीब 14 दिन बताए। इस दौरान कई महत्वपूर्ण रिसर्च और प्रयोग किए। यह 41 वर्षों बाद अंतरिक्ष में भारत की मानवीय उपस्थिति का प्रतीक है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने रविवार सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर लैंड किया, जहां मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उनका आत्मीय स्वागत किया। शुभांशु करीब 18 दिवसीय अमेरिकी प्रवास के बाद भारत लौटे हैं।
VIDEO | Union Minister Jitendra Singh extended a warm welcome to astronaut Shubhanshu Shukla on his arrival in Delhi.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 17, 2025
Group Captain Shubhanshu Shukla served as the pilot of NASA’s Axiom-4 Space Mission, which launched from the Kennedy Space Center in Florida, United States, on… pic.twitter.com/xqwXAkzGVQ
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला नासा के एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन के पायलट थे, जो 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित हुआ और 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दिल्ली आगमन पर उनका हार्दिक स्वागत किया।
AX-4 मिशन की यात्रा
- मिशन को 25 जून को स्पेसएक्स के फाल्कन रॉकेट से लॉन्च किया गया।
- 26 जून को शुक्ला का ड्रैगनफ्लाई अंतरिक्ष यान ISS से जुड़ा।
- शुक्ला ने सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) में कई वैज्ञानिक प्रयोग किए।
- मिशन नासा और स्पेसएक्स के सहयोग से सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
शुक्ला का भावुक संदेश
नई दिल्ली लौटने से पहले शुभांशु शुक्ला ने देशवासियों के नाम भावुक संदेश लिखा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा-भारत वापस आने पर भावनाएं उमड़ रही हैं। मिशन के दौरान बने दोस्त और परिवार को पीछे छोड़ने का दुख है, लेकिन अपने देश और प्रियजनों से मिलने की खुशी भी उतनी ही बड़ी है। जैसा कि मेरी कमांडर कहती हैं, अंतरिक्ष उड़ान में बदलाव ही स्थायी है।
गगनयान कार्यक्रम को मिलेगी गति
शुभांशु शुक्ला के इस मिशन से भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को गति मिली है। इस वर्ष के अंत में एक मानवरहित उड़ान होगी। इसके बाद दो और मानवरहित मिशन होंगे। अंततः भारतीय अंतरिक्ष यात्री गगनयान में 2-7 दिन अंतरिक्ष में बिताएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले की प्राचीर से भी भारत का अपना अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का आश्वन दिया है।
भारत-अमेरिका सहयोग का प्रतीक
यह मिशन भारत और अमेरिका के बढ़ते अंतरिक्ष सहयोग का प्रतीक भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इसरो और नासा ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISS मिशन में शामिल हो सके।
एक्सिओम मिशन 4 क्या है?
- एक्सिओम मिशन 4 भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष यान की "वापसी" को साकार करेगा, क्योंकि यह 40 से ज़्यादा वर्षों में प्रत्येक देश की पहली सरकारी प्रायोजित उड़ान होगी।
- एक्सिओम-4 इन देशों के इतिहास में दूसरा मानव अंतरिक्ष यान मिशन है, लेकिन यह पहली बार होगा जब तीनों देश अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर किसी मिशन को अंजाम देंगे।
- यह ऐतिहासिक मिशन इस बात पर ज़ोर देता है कि कैसे एक्सिओम स्पेस पृथ्वी की निचली कक्षा के मार्ग को पुनर्परिभाषित कर रहा है और राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ा रहा है।
